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Dhanbad ADJ Death Case: झारखंड हाइकोर्ट की टिप्पणी, कहा – पुलिस की जांच सही दिशा में नहीं, CBI जांच शुरू करें

धनबाद जज मौत मामले में झारखंड हाइकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है उन्होंने कहा है कि पुलिस का अनुसंधान सही दिशा में नहीं, धनबाद के जज की मौत की जांच तुरंत शुरू करे सीबीआइ

Dhanbad Court Judge Uttam Anand Death Case रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने धनबाद के डीजे (आठ) उत्तम आनंद की मौत के मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने सीबीआइ जांच की अनुशंसा कर दी है, इसलिए सीबीआइ केस को हैंडओवर लेते हुए तुरंत जांच शुरू करे. जांच के दौरान सीबीआइ टाइम और स्पीड का ख्याल रखे, ताकि मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई सुनिश्चित हो तथा निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके.

वहीं कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह सीबीआइ को जांच में पूरा सहयोग करे. सीबीआइ द्वारा मांगे जाने पर रिकॉर्ड के साथ-साथ लॉजिस्टिक सपोर्ट भी दिया जाये. कोर्ट मामले की मॉनिटरिंग करता रहेगा. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान डीजीपी व धनबाद के एसएसपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअल तरीके से उपस्थित थे. खंडपीठ ने एसआइटी की स्टेटस रिपोर्ट को देखने के बाद कड़ी नाराजगी जतायी.

क्या-क्या कहा हाइकोर्ट ने

ऐसा क्या हुआ कि सरकार पलट गयी और सीबीआइ जांच की अनुशंसा कर दी

सीबीआइ टाइम और स्पीड का ख्याल रखे, ताकि जल्द कार्रवाई तय हो

सीबीआइ को रिकॉर्ड और लॉजिस्टिक सपोर्ट भी दे राज्य सरकार

डॉक्टर से जो सवाल पूछे गये, उससे आपकी मंशा ठीक नहीं लगती

आज जारी हो सकती है सीबीआइ जांच की अधिसूचना

ऐसा लगता है आप एविडेंस क्रिएट कर रहे हैं

खंडपीठ ने जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए डीजीपी से पूछा कि आपके यहां से ही सीसीटीवी फुटेज वायरल किया गया. आपने वायरल करनेवाले के खिलाफ कार्रवाई भी की है. वैसी स्थिति में विलंब से प्राथमिकी क्यों दर्ज की गयी. घटना सुबह 5:08 की है, तो प्राथमिकी 12:45 बजे क्यों दर्ज की गयी. खंडपीठ ने यह जानना चाहा कि क्या फर्द बयान के बाद ही प्राथमिकी दर्ज करने का प्रावधान है?

खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि ऐसा लगता है कि मामले का अनुसंधान सही दिशा में नहीं हो रहा है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण सिर में चोट लगने की बात कही गयी है. सिर में जहां चोट लगी है, वह टेंपो के धक्के से नहीं लग सकती है. एसएचओ ने पोस्टमार्टम करनेवाले डॉक्टर से यह क्यों पूछा कि सिर में जो चोट है, वह क्या जमीन पर गिरने से हो सकती है, इस पर खंडपीठ ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि आप एविडेंस क्रिएट कर रहे हैं. कोई डॉक्टर से यह सवाल क्यों करेगा? यह सवाल तो ट्रायल के दौरान कोर्ट करता है. एसएचओ ने यह सवाल पोस्टमार्टम करनेवाले चिकित्सक से क्यों किया. इससे आपकी मंशा ठीक नहीं लगती है.

पहले कहा था पुलिस के मनोबल पर असर पड़ेगा

खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा मामले की सीबीआइ जांच की अनुशंसा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कोर्ट पहले दिन ही मामले की जांच सीबीआइ को देना चाहता था. उस दिन महाधिवक्ता ने कहा था कि ऐसा करने से झारखंड पुलिस के मनोबल पर असर पड़ेगा. एडीजी रैंक के ऑफिसर के नेतृत्व में एसआइटी से मामले की जांच कराने की बात कही थी. अब ऐसा क्या हुआ कि सरकार पलट गयी. दो दिन में ही सरकार ने सीबीआइ जांच की अनुशंसा कर दी. अब जबकि राज्य सरकार ने सीबीआइ जांच की अनुशंसा कर दी है, तो सीबीआइ मामले की जांच तुरंत शुरू कर दे.

खंडपीठ ने सुनवाई के दाैरान सीबीआइ के अधिवक्ता राजीव सिन्हा से उनका पक्ष मांगा. अधिवक्ता श्री सिन्हा ने खंडपीठ को बताया कि राज्य सरकार की अनुशंसा के बाद डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग ने सीबीआइ से मंतव्य मांगा है. सीबीआइ आज अपना मंतव्य भेज देगी. संभवत: चार अगस्त को मंत्री की सहमति के बाद मामले की सीबीआइ जांच की अधिसूचना जारी कर दी जायेगी. इसके बाद सीबीआइ तुरंत मामले को हैंडओवर लेकर जांच शुरू करेगी. खंडपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद मामले की सुनवाई स्थगित कर दी.

इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने खंडपीठ को बताया कि सरकार ने जज उत्तम आनंद मौत मामले की जांच सीबीआइ से कराने की अनुशंसा की है. सरकार की ओर से पोस्टमार्टम रिपोर्ट, प्राथमिकी की प्रति सीलबंद प्रस्तुत की गयी. एसआइटी जांच की स्टेटस रिपोर्ट भी पेश की गयी. उल्लेखनीय है कि धनबाद के जज उत्तम आनंद को सुबह मॉर्निंग वॉक के दौरान एक टेंपो ने धक्का मारा था. उस घटना की सीसीटीवी फुटेज वायरल होने के बाद झारखंड हाइकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लिया. धनबाद के प्रधान जिला जज राम शर्मा की रिपोर्ट को हाइकोर्ट ने जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.

अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी वायरल!

धनबाद. एक ओर हाइकोर्ट में एसआइटी ने सीलबंद लिफाफे में जज उत्तम आनंद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट साैंपी, उधर एक पोस्टमार्टम रिपोर्ट वायरल हो गयी, जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि वह धनबाद के जज उत्तम आनंद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट है. इस पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक ब्लंड एंड हार्ड स्ट्रोक से एडीजे (अष्टम) उत्तम आनंद की मौत हुई थी.

उनकी मौत की मुख्य वजह सिर में गंभीर चोट ही है. रिपोर्ट के मुताबिक सिर की हड्डी टूट गयी थी. ब्रेन में रक्तस्त्राव भी हुआ है. सिर के कई पार्ट को नुकसान पहुंचा है. शरीर पर कई जगह चोट (छिलना) के निशान हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यह सभी चोट मौत से पहले लगी है.

न्यूरो स्कोर तीन था :

इधर प्रभात खबर ने न्यूरो के एक विशेषज्ञ से बातचीत की, तो उन्हाेंने बताया : जज उत्तम आनंद के सिर की हड्डी ऑटो से टक्कर लगने के बाद टूट गयी थी. नस फट गया था और प्रेशर हाई हो जाने के कारण ब्रेन हैमरेज हो गया था. जब उन्हें एसएनएमएमसीएच लाया गया था, तब उनका न्यूरो स्कोर 15 में तीन था, यह न्यूनतम होता है.

इस स्थिति में मरीज के बचने की संभावना कम हो जाती है. विशेषज्ञ के मुताबिक जज साहब की लंबाई साढ़े पांच फीट से अधिक थी. घटना के समय वह दौड़ रहे थे. दौड़ने से बॉडी में मोमेंटम पैदा हो जाता है. जहां पर वह गिरे थे, वहां की जमीन काफी हार्ड थी. इसलिए संभव है कि घटना के बाद उनका सिर टकराया हो. वह करीब छह फीट की ऊंचाई से गिरे थे, तो ऐसी स्थिति में ब्रेन के ज्यादा डैमेज होने की आशंका रहती है.

सिर के पीछे बन गया था सर्कल :

ब्रेन हैमरेज होने के कारण जज उत्तम आनंद के सिर के पीछे सर्कल बन गया था. भारी चीज से वार करने पर लंबा कट होने की आशंका ज्यादा रहती है.

Posted By : Sameer Oraon

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