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पति की फर्जी खाकी बनी एसडीपीओ के गले की फांस, जानिये क्या है मामला

कहलगांव की एसडीपीओ डॉ रेशु कृष्णा की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. सोशल साइट पर पति रौशन कृष्णा, जो खाकी वर्दी में दिख रहे हैं, के साथ वायरल वीडियो के मामले में कई तरह की चर्चाएं अब भी हो रही हैं.

भागलपुर/पटना. कहलगांव की एसडीपीओ डॉ रेशु कृष्णा की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. सोशल साइट पर पति रौशन कृष्णा, जो खाकी वर्दी में दिख रहे हैं, के साथ वायरल वीडियो के मामले में कई तरह की चर्चाएं अब भी हो रही हैं.

सोशल साइट पर डाली गयी तस्वीरों के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने मामले की जांच का जिम्मा भागलपुर की एसएसपी निताशा गुड़िया को दिया है. एसएसपी अभी अवकाश पर हैं, पर सिटी एसपी अपने स्तर से जांच कर रहे हैं. उन्होंने एसडीपीओ डॉ रेशु कृष्णा को लिखित रूप में अपना पक्ष रखने को कहा है. समाचार लिखे जाने तक उनका जवाब मुख्यालय को नहीं आया था.

क्या है मामला

एसडीपीओ ने सोशल मीडिया पर अपनी एक तस्वीर जारी की थी, जिसमें उनके पति आइपीएस की वर्दी व बैज में हैं. इसमें वे दोनों विक्ट्री का साइन भी बना रहे हैं. जानकारी के अनुसार उनके पति पुलिस विभाग में नहीं हैं. सोशल मीडिया पर उनके द्वारा डाली गयी तस्वीर वायरल हो गयी और उसकी शिकायत पुलिस मुख्यालय तक चली गयी.

तीन माह पहले मामला आया संज्ञान में

सूत्रों के अनुसार इस मामले की जानकारी मुख्यालय को लगभग तीन माह पहले हुई है. इसको लेकर मुख्यालय ने पहले भी दो बार भागलपुर की एसएसपी से जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था. सूत्रों के अनुसार उसे लेकर दो रिपोर्टें भेजी जा चुकी हैं.

अब तीसरी बार फिर कुछ सवालों का जवाब मांगा गया है. इसे लेकर जांच जारी है. इधर इस मामले के सामने आने के बाद एसडीपीओ ने सोशल मीडिया से अपने पति की वर्दीवाली तस्वीर हटा ली है. अब वहां पर अन्य तसवीरें हैं.

यह उठता है सवाल

पुलिस की वर्दी गैर पुलिसकर्मी द्वारा पहनना कानूनन अपराध है. आइपीसी की धारा 140 में इसको लेकर तीन माह तक के जेल व जुर्माना का भी प्रावधान है. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि कानून का जानकार व रखवाला ही इस तरह आइपीएस की वर्दी व बैच का दुरुपयोग कर रहा है.

यह किस मंशा से किया गया, इस पर भी सवाल है. एडीजी, मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने कहा कि किसी के व्यक्तिगत जीवन को लेकर कोई हस्तक्षेप नहीं होता है, जब तक कि कोई आपराधिक मामला या आचार संहिता तोड़ने का मामला नहीं बने.

भागलपुर के सिटी एसपी स्वर्ण प्रभात एसडीपीओ से लिखित जबाव मांगा गया है. अ तक जबाव नहीं आया है. यह निजी मामला है. जो जबाव आयेगा, उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी. पूरी जांच का जिम्मा एसएसपी पर है. इस मामले में हमें भी एक लेटर जांच के लिए दिया गया है. एसएसपी के आने के बाद हीं मामले की विस्तृत जानकारी मिल सकेगी.

Posted by Ashish Jha

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