चैनपुर. प्रखंड के दूरस्थ क्षेत्र लोरमा दीपाटोली में असुर जनजातियों के लिए भवन का निर्माण लाखों रुपये की लागत से किया गया था. परंतु आदिम जनजाति के विद्यार्थी मात्र पर कुछ दिन ही यहां पर टिक पायें. जिसके बाद यह आवासीय विद्यालय वीरान पड़ा हुआ है. जानकारी के अनुसार इस विद्यालय में नामांकन को लेकर के सभी विद्यार्थियों का चावल, दाल, सब्जी, तेल से लेकर अन्य सामग्रियों का भी वितरण किया जा रहा है जो सरकार के रिकॉर्ड में है.
इस मामले को लेकर अभी तक स्थानीय प्रशासन चुप्पी साधे हुए है. वहां पर दो-दो चापाकल, तड़ित चालक से लेकर कई तरह की सुविधा असुर जनजातियों के लिए की गयी है, लेकिन नाम मात्र के लिए उनका नामांकन किया जाता रहा है. इस भवन में अभी वीरानी छायी हुई है. इस तरह के कई बिल्डिंग जो आम ग्रामीणों की सुविधा के लिए बनी है. प्रखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण झुग्गी झोपड़ी में रहनेवालों को अपना घर तो नहीं बन पा रहा है. वहीं लाखों रुपये के भवन बेकार में पड़ा नजर आ रहा हैं.
प्रखंड में ही डेढ़ करोड़ की लागत से बने टेन प्लस टू विद्यालय अभी तक वीरान पड़ा है. वहीं निर्माणकर्ता भवन निर्माण कर निकल तो गये. परंतु पढ़ाई नहीं होने के कारण पूरे बिल्डिंग की वायरिंग से लेकर ग्रील तक की चोरी हो चुकी है. अब इन भवनों में सिर्फ शराबी एवं जुआ का अड्डा बनकर रह गया है.