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Jharkhand News : सीबीआइ ने सरावगी बंधुओं के खिलाफ दायर किया आरोप पत्र, ये है गंभीर आरोप

आरोप पत्र में कहा गया है कि इन अभियुक्तों ने सुनियोजित साजिश के तहत बैंक ऑफ इंडिया की लालपुर शाखा ( Bank Of India Lalpur Branch ) से कर्ज लिया और इसका भुगतान नहीं किया. इससे बैंक को कुल 10.37 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

CBI Jharkhand Latest News रांची : सीबीआइ ने 10.37 करोड़ रुपये के बैंक जालसाजी मामले में सरावगी बंधुओं ( Saraogi brothers ) के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. इसमें अमित सरावगी, ज्ञान प्रकाश सरावगी, अभिषेक सरावगी के अलावा इनसे संबंधित तीन कंपनियों को आरोपी बनाया गया है. आरोपी कंपनियों में मेसर्स सनबीम प्राइवेट लिमिटेड ( Sunbeam Private Limited ), मेसर्स सरावगी बिल्डर्स ( M/s Saraogi Builders ) और मेसर्स श्रीराम कॉमट्रेड ( M/s Shriram Comtrade ) शामिल हैं.

आरोप पत्र में कहा गया है कि इन अभियुक्तों ने सुनियोजित साजिश के तहत बैंक ऑफ इंडिया की लालपुर शाखा ( Bank Of India Lalpur Branch ) से कर्ज लिया और इसका भुगतान नहीं किया. इससे बैंक को कुल 10.37 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. जांच में पाया गया कि सनबीम डीलर्स प्राइवेट लिमिटेड ( Sunbeam Dealers Private Limited ) ने कपड़े के व्यापार के लिए 2014 में 2.5 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. वर्ष 2016 में इसे बढ़ा कर 10 करोड़ रुपये कर दिया गया. कर्ज की सीमा बढ़ाये जाने के बाद कपड़ों की फर्जी खरीद-बिक्री के दस्तावेज तैयार कर इस राशि को शेल कंपनियों के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया.

इसके बाद शेल कंपनियों के माध्यम से इस राशि को सरावगी बिल्डर्स और श्रीराम कॉमट्रेड के खाते में ट्रांसफर किया गया. कपड़े के व्यापार के नाम पर कोलकाता की जिन शेल कंपनियों के सहारे कर्ज की राशि को सरावगी बंधुओं की दूसरी कंपनियों में लाया गया, उन शेल कंपनियों के सिलसिले में फिलहाल जांच जारी है. सरावगी बंधुओं की कंपनी सरावगी बिल्डर्स और श्रीराम कॉमट्रेड का कपड़ों के व्यापार से कोई संबंध नहीं पाया गया.

इसके बाद शेल कंपनियों के माध्यम से इस राशि को सरावगी बिल्डर्स और श्रीराम कॉमट्रेड के खाते में ट्रांसफर किया गया. कपड़े के व्यापार के नाम पर कोलकाता की जिन शेल कंपनियों के सहारे कर्ज की राशि को सरावगी बंधुओं की दूसरी कंपनियों में लाया गया, उन शेल कंपनियों के सिलसिले में फिलहाल जांच जारी है. सरावगी बंधुओं की कंपनी सरावगी बिल्डर्स और श्रीराम कॉमट्रेड का कपड़ों के व्यापार से कोई संबंध नहीं पाया गया.

इन कंपनियों के माध्यम से सरावगी बंधुओं द्वारा रियल स्टेट का व्यापार किया जाता है. जांच में पाया गया कि सनबीम के खाते से कर्ज की रकम इन दो कंपनियों के खाते में ट्रांसफर करने के बाद सनबीम का लोन अकाउंट एनपीए हो गया. इससे बैंक को कुल 10.37 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

Posted By : Sameer Oraon

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