Jharkhand News (अभिषेक पीयूष, चाईबासा) : कोरोना के संभावित तीसरी लहर को मात देने के लिए पश्चिमी सिंहभूम जिले में प्रति मिनट 2 हजार 666 लीटर ऑक्सीजन तैयार होगा. यानी प्रत्येक घंटे जिले में 1.60 लाख (1,59,960) लीटर ऑक्सीजन गैस बनेगा. ऐसे में प्रत्येक दिन जिले में 38.50 लाख (38,39,9040) लीटर ऑक्सीजन तैयार होगा. दरअसल, कोरोना के तीसरी लहर से जिलावासियों को सुरक्षित रखने के साथ ही संक्रमण को हराने के लिए जीवनरक्षक के तौर पर ऑक्सीजन को ढाल बनाने के उद्देश्य से जिला मुख्यालय चाईबासा स्थित सदर अस्पताल के अलावा जिले के मनोहरपुर व कुमारडुंगी प्रखंड में प्रधानमंत्री हेल्थ केयर फंड से 500 एलपीएम (लीटर पर मिनट) क्षमता वाले प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन (Pressure Swing Adoption- PSA) ऑक्सीजन प्लांट बन रहा है. इससे प्रति एक मिनट में 1500 लीटर ऑक्सीजन बनाया जायेगा.
इसके अलावा जिले में डोनर एजेंसियों के माध्यम से भी प्रति एक मिनट में 1166 लीटर ऑक्सीजन गैस तैयार होगा. इसको लेकर टाटा स्टील फाउंडेशन के द्वारा जिले के खूंटपानी प्रखंड में 500 एलपीएम क्षमता वाली ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण कराया जा रहा है. इतना ही नहीं, गिव इंडिया फाउंडेशन के द्वारा भी जिले के दो प्रखंडों जगन्नाथपुर व बड़ाजामदा के रूटागुट्टू स्थित सीएचसी में 333 एलपीएम क्षमता वाली ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण कराया जा रहा है. अगस्त माह में जिले में ये सभी ऑक्सीजन प्लांट संचालित होंगे.
पश्चिमी सिंहभूम में कुल 6 स्थान (चाईबासा स्थित सदर अस्पताल, मनोहरपुर सीएचसी, कुमारडुंगी सीएचसी, खूंटपानी सीएचसी, जगन्नाथपुर सीएचसी व बड़ाजामदा स्थित रूटागुट्टू सीएचसी) में प्रेशर स्विंग एडजॉर्ब्शन (PSA) ऑक्सीजन प्लांट तैयार कराया जा रहा है. इसे लेकर सभी प्रखंडों में स्थल का चयन कर लिया गया है. इसके लिए जिले में 500 एलपीएम क्षमता वाली चार ऑक्सीजन प्लांट के अलावा 333 एलपीएम क्षमता वाली दो प्लांटों का इंस्टॉलेशन किया जायेगा. जिससे प्रति एक मिनट में 2 हजार 666 लीटर ऑक्सीजन बनाया जायेगा. यानि प्रति दिन के हिसाब से 38.50 लाख लीटर ऑक्सीजन का निर्माण जिले में होगा. इसे सीधे पाइपलाइन के माध्यम से 250 बेडों तक पहुंचाया जायेगा.
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500 एलपीएम (लीटर पर मिनट) क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट के जरिये प्रत्येक मिनट में आधा क्यूबिक (यानी 500 लीटर) ऑक्सीजन तैयार किया जायेगा. अगर एक घंटे की बात करते है तो, उक्त प्लांट के माध्यम से 30 क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन गैस बनायी जायेगी. यानी एक घंटे में 30 हजार लीटर ऑक्सीजन बनाया जा सकेगा. इसके लिए पीएसए ऑक्सीजन प्लांट में प्रेशर स्विंग एडजॉर्ब्शन तकनीक का इस्तेमाल होगा. प्लांट में हवा से ऑक्सीजन बनाने की उच्च तकनीक है. इसके एक चैंबर में कुछ एडजॉर्बेंट डालकर उसमें हवा को गुजारा जायेगा, जिसके बाद हवा का नाइट्रोजन एडजॉर्बेंट से चिपककर अलग होगा और ऑक्सीजन बाहर निकलने लगेगी. इस कंसंट्रेट ऑक्सीजन की आपूर्ति पाइपलाइन के माध्यम से अस्पताल में की जायेगी.
जिले के चाईबासा स्थित सदर अस्पताल परिसर में पीएम केयर फंड से पहुंची 500 लीटर एलपीएम (लीटर पर मीनट) क्षमता वाली ऑक्सीजन प्लांट को इंस्टॉल किया जा चुका है. पीएम केयर फंड से इसे महाराष्ट्र के पुर्णें शहर से मंगाया गया है. उक्त पीएसए प्लांट को अस्पताल परिसर में बच्चों के लिए बनाये गये पीडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट (PICU) वार्ड के पीछे स्थापित किया गया है.
जिले में 6 स्थानों पर पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है. इस संबंध में जिले के अपर उपायुक्त अजाज एनवर ने बताया कि उक्त सभी ऑक्सीजन प्लांट से 10-10 पीआइसीयू (पीडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट) को जोड़ा जायेगा. इसे लेकर जिले के चाईबासा सदर अस्पताल के साथ ही मनोहरपुर, कुमारडुंगी, खूंटपानी, जगन्नाथपुर व बड़ाजामदा के रूटागुट्टू सीएचसी में बच्चों के लिए 10-10 बेड का पीडियाट्रिक आइसीयू भी तैयार कराया जा रहा है.
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जिला अस्पताल सहित जिले के सभी 6 पीएसए प्लांट वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना संक्रमित बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए इमरजेंसी पीडियाट्रिक वार्ड (पीआइसीयू) बनाया जा रहा है. इसे लेकर मनोहरपुर सीएचसी, खूंटपानी सीएचसी व सदर अस्पताल में 50-50 बेड, खूंटपानी सीएचसी में 40 बेड, जबकि बड़ाजामदा के रूटागुट्टू व जगन्नाथपुर सीएचसी में 30-30 बेडड पीडियाट्रिक वार्ड तैयार कराया जा रहा है. उक्त सभी 250 बेडों पर ऑक्सीजन पाइपलाइन से पहुंचेगा.
इस संबंध में पश्चिमी सिंहभूम के प्रभारी सिविल सर्जन डॉ ओमप्रकाश गुप्ता ने कहा कि संभावित थर्ड वेब के मद्देनजर जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयारियां की जा रही है. जिले में 6 PSA प्लांट के अलावा इमरजेंसी बेडों की संख्या बढ़ायी जा रही है. इसे लेकर राज्य से आवश्यक इक्यूपमेंट आ रहे हैं.
Posted By : Samir Ranjan.