India badminton legend Nandu Natekar : भारत के दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी नंदू नाटेकर ने बुधवार सुबह अंतिम सांस ली. वे 88 वर्ष के थे. नाटेकर ने 1956 में मलेशिया में सेलेंजर इंटरनेशनल जीतकर यह बड़ी उपलब्धि हासिल की थी. नंदू भारत के पहले बैडमिंटन खिलाड़ी थे जिन्होंने देश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीता था. 1950 के दशक के दौरान नाटेकर प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड ओपन के क्वार्टर फाइनल में पहुंचे थे और लगभग तीन दशक बाद शटलर ने डब्लस में यह दिग्गज प्रतियोगिता जीती थी.
One of the towering icons of Indian badminton, Nandu Natekar leaves behind a rich legacy, that we shall cherish forever. 6-time national champion & first Indian to win an international title in 1956, Natekar shall be remembered fondly for his drives, drops & smashes. Condolences. pic.twitter.com/jfDl4eShoQ
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 28, 2021
नाटेकर को खेल में असाधारण प्रदर्शन करने के लिए 1961 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. नाटेकर ने जमैका में 1965 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था. मालूम हो कि नाटेकर के बेटे गौरव भी एक खिलाड़ी भी हैं. गौरव ने टेनिस में भारत का प्रतिनिधित्व किया और लिएंडर पेस के साथ 1994 के हिरोशिमा एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक हासिल किया. नाटेकर के निधन पर खेल जगत में शोक की लहर दौड़ गयी है.
On behalf of the Badminton Association of India, we condole the sad demise of legendary player- Shri Nandu Natekar.
A man of many firsts, the Father of Indian Badminton, your journey will continue to inspire generations to come.
Wishing prayers and strength to the family.#RIP pic.twitter.com/qp1uqDf8Jp— BAI Media (@BAI_Media) July 28, 2021
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने भी नंदू नाटेकर के निधन पर शोक जताया है. शरद पवार ने ट्वीट कर नाटेकर के निधन पर परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की है. बता दें कि अपने बैडमिंटन करियर में नंदू नाटेकर ने 6 बार नेशनल चैंपियनशिप का खिताब जीता था. साल 1961 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार दिया गया. यह अवॉर्ड पाने वाले वह भारत के पहले बैडमिेंटन खिलाड़ी थे. नंदू नाटेकर पहले क्रिकेटर बनना चाहते थे और उन्होंने क्रिकेट खेला भी. लेकिन उनका मन क्रिकेट में नहीं लगा। इसके बाद नंदू ने अपना ध्यान बैडमिंटन पर लगाया. इसके बाद बैडमिंटन में उन्होंने नया मुकाम हासिल किया.