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ऑक्सीजन की कमी से बिहार में एक भी मरीज की मौत नहीं, मंत्री बोले- स्टोरेज के लिए बन रहे टैंक

राज्य में ऑक्सीजन और उपकरणों की कमी या रोग की गंभीरता पहचानने में त्रुटि से किसी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई है. सरकार चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने की तैयारी कर रही है. यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मंगलवार को विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा के तारांकित प्रश्न के जवाब में दी.

पटना. राज्य में ऑक्सीजन और उपकरणों की कमी या रोग की गंभीरता पहचानने में त्रुटि से किसी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई है. सरकार चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने की तैयारी कर रही है. यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मंगलवार को विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा के तारांकित प्रश्न के जवाब में दी.

इस संबंध में प्रेमचंद मिश्रा ने कहा था कि पटना एम्स के डॉक्टरों ने यह जानकारी कोरोना परिप्रेक्ष्य में क्रिटिकल केयर विषय पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में दी थी. उस दौरान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे भी मौजूद थे.

प्रेमचंद मिश्रा ने अपने प्रश्न में पूछा था कि क्या यह सही है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में मरीजों की मौत हुई? इसमें 30 फीसदी से अधिक मौत आइसीयू में इन्फेक्शन की वजह से हुई है?

उन्होंने कहा कि आइसीयू में बेहतर हाइजीन मेंटेन और इस्तेमाल उपकरणों को ठीक से स्टेरिलाइज किया जाता तो कई जानें बतायी जा सकती थीं. संक्रमितों की अधिक मौतों की वजह ऑक्सीजन की कमी और राेग की गंभीरता पहचानकर तत्काल आइसीयू वेंटिलेटर मुहैया कराने में विफलता भी रही.

सभी मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन स्टोरेज के लिए बन रहे टैंक

मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि सरकार सभी मेडिकल कॉलेजों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक बना रही है. मेडिकल गैस पाइप लाइन सहित प्रेशर स्विंग एब्जॉर्बशन ऑक्सीजन प्लांट लग रहे हैं. बीएमएसआइसीएल के माध्यम से सभी जिला अस्पतालों को 10,924 बी टाइप, 3696 डी टाइप ऑक्सीजन सिलिंडर और 6183 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर उपलब्ध करवाये गये हैं.

5000 डी टाइप ऑक्सीजन सिलिंडर खरीदने का आदेश दिया जा चुका है. तीसरी लहर के लिए सभी मेडिकल कॉलेज में 30, सभी सदर अस्पतालों में 10-10 पेड्रियाटिक आइसीयू बनाये जा रहे हैं.

सभी मेडिकल कॉलेजों के पिकू वार्डों में बेडों को ऑक्सीजन पाइप लाइन से जोड़ा जा रहा है. सरकारी अस्पतालों में कुल 28 हजार 594 बेड तैयार हैं. इनमें से 16 हजार 986 बेड ऑक्सीजन और 2584 आइसीयू बेड हैं. सभी सरकारी अस्पतालों में 1150 वेंटिलेटर उपलब्ध करवाये गये हैं.

Posted by Ashish Jha

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