पटना . पटना हाइकोर्ट ने पटना-गया-डोभी नेशनल हाइवे- 83 के विकास को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से दो सप्ताह में यह बताने को कहा है कि पटना व जहानाबाद जिले में पड़ने वाले 25 अवैध निर्माणों को कब तक हटा दिया जायेगा.
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल व न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने प्रतिज्ञा नामक सामाजिक संगठन द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
साथ ही खंडपीठ ने राज्य सरकार को यह भी बताने को कहा है कि जिन जमीनों का अधिग्रहण किया गया है, उनके अधिग्रहण की राशि 455 करोड़ रुपये का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनीष कुमार ने कोर्ट को बताया कि पटना गया डोभी एनएच का फैलाव तकरीबन 127 किलोमीटर है, जिसमें 25 स्थानों पर अभी अधिग्रहण को हटाया जाना बाकी है.
कोर्ट को बताया गया कि पटना जिले में ही एनएच 83 में पड़ने वाले सरिस्ताबाद से नत्थूपुर की 2.8 किलोमीटर सड़क के निर्माण के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाना अभी बाकी है. इस मामले में दिये जाने वाले मुआवजे की राशि पर भी विचार किया जाना है, चूंकि इस मामले में 2012-13 में ही नोटिफिकेशन जारी किया गया था और अब जमीन की कीमत बढ़ गयी है.
जब सरिस्ताबाद से नत्थूपुर के जमीन अअधिग्रहण का मामला नहीं सुलझता है, तब तक एनएच 83 के साथ ही साथ पटना-बक्सर नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट को भी आगे बढ़ाने में परेशानी होगी. पटना – बक्सर नेशनल हाइवे के बीच पटना से कोइलवर तक के प्रोजेक्ट को छोड़ दिये जाने की बात को भी कोर्ट के समक्ष रखा गया.
कोर्ट ने उक्त मामले में जमीन अधग्रिहण की राशि दिये जाने के संबंध में भी पूछा है कि आखिर 455 करोड़ के मुआवजे की राशि का भुगतान राज्य सरकार व एनएचएआइ द्वारा कब तक किया जायेगा. इस मामले पर दो सप्ताह बाद फिर सुनवाई की जायेगी.
Posted by Ashish Jha