दुर्जय पासवान, गुमला : गुमला में फर्जी तरीके से चार मोबाइल नंबरों का कॉल डिटेल (सीडीआर निकालने का मामला सामने आया है. दो पुलिस कर्मियों ने सीडीआर निकाल कर साहिबगंज के बड़े पत्थर व्यवसायी को सौंपा था. अब पुलिस ने कार्रवाई करते हुए साहिबगंज के पत्थर व्यवसायी प्रकाशचंद्र यादव, उनके बेटे अंकुश राज हंस, गुमला पुलिस के अनुसंधान विंग के अधिकारी अशोक कुमार और टेक्निकल सेल के आरक्षी संदीप टोप्पो के खिलाफ गुमला थाना में नामजद केस दर्ज किया है. इसकी आइओ गुमला थाना की इंस्पेक्टर मोनालिसा केरकेट्टा बनायी गयी हैं. जानकारी के अनुसार, राजनीतिक और व्यावसायिक दुश्मनी साधने के लिए गुमला पुलिस से सीडीआर निकलवाया गया.
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गुमला एसपी की जानकारी के िबना आरोपी पुलिसकर्मियों ने निकलवाया था सीडीआर
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साहिबगंज के कुछ लोगों के साथ दुश्मनी साधने के लिए पत्थर व्यवसायी ने कराया था काम
क्या है मामला : साहिबगंज के सबसे बड़े पत्थर व्यवसायी प्रकाशचंद्र यादव और उनके पुत्र अंकुश राज हंस ने गुमला के अनुसंधान विंग के पुलिस अधिकारी अशोक कुमार से संपर्क साधा. दोनों ने पुरानी दोस्ती का हवाला दिया और चार मोबाइल नंबर का फर्जी तरीके से सीडीआर निकलवाया. अशोक ने भी टेक्निकल सेल के संदीप टोप्पो के माध्यम से सीडीआर निकाल कर व्यवसायी को दे दिया.
यह काम तब किया गया, जब गुमला एसपी एचपी जनार्दनन ट्रेनिंग पर गये हुए थे. जब एसपी ट्रेनिंग से लौटे तो उन्होंने जानकारी मिलने पर इसकी जांच करायी. जिस पर दोषी पुलिसकर्मियों के नाम सामने आये. उनके निर्देश पर 22 जून को गुमला थाना में केस दर्ज किया गया. पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि जिनके मोबाइल नंबर का सीडीआर निकलवाया गया है, उसके पीछे और तो कोई कारण नहीं है. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि राजनीतिक व व्यावसायिक लड़ाई है.
गुमला से सीडीआर निकालना बड़ी राजनीति : एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह मामला बड़े राजनीतिक खेल का हिस्सा है. जिन लोगों के मोबाइल नंबर का सीडीआर निकाला गया है, उनको राजनीतिक व व्यावसायिक रूप से परेशान करना मकसद था.
Posted by: Pritish Sahay