नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र के दौरान गुरुवार को राज्यसभा में पेगासस मामले में विपक्ष के हंगामे के बाद दिनभर के लिए कार्यवाही स्थगित करने के बाद भाजपा और टीएमसी के सांसद आपस में ही भिड़ गए. सांसद शांतनु सेन द्वारा मंत्री के हाथ से कागजात छीनने और उसे फाड़ने के बाद भाजपा-टीएमसी सांसदों में पहले तू-तू मैं-मैं शुरू हुई, उसके बाद वे आपस में ही भिड़ गए. मार्शलों के हस्तक्षेप के बाद स्थिति को नियंत्रण में किया गया.
समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से किए गए एक ट्वीट के अनुसार, राज्यसभा में पेगासस प्रोजेक्ट की रिपोर्ट पर आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव सरकार का पक्ष रख रहे थे, तभी टीएमसी सांसद शांतनु सेन और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी में गरमागरम बहस शुरू हो गई. इसके बाद टीएमसी सदस्यों ने आईटी मंत्री के हाथों से कागजात छीनकर फाड़ दिए. इसके बाद भाजपा और टीएमसी के सांसद आपस में भिड़ गए.
इसके पहले, विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों के सांसदों के हंगामे की वजह से राज्यसभा की बैठक को दो बार के लिए स्थगित करना पड़ा. इसके बाद भी सांसदों का हंगामा शांत नहीं हुआ, तो उपसभापति हरिवंश ने उसे दिनभर के लिए स्थगित कर दिया. विपक्षी सांसदों के हंगामे की वजह से आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव पेगासस विवाद पर अपना बयान ढंग से नहीं पाए. बाद उन्हें अपने बयान को सदन के पटल पर रखना पड़ा. हंगामे की वजह से शून्यकाल और प्रश्नकाल भी नहीं चल सके.
दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई उपसभापति हरिवंश ने बयान देने के लिए वैष्णव का नाम पुकारा. इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. वैष्णव ने बयान की शुरुआत की ही थी कि हंगामा और तेज हो गया. हंगामे के कारण उनकी बात नहीं सुनी जा सकी. उपसभापति ने विपक्षी दलों के रवैये को असंसदीय करार दिया और केंद्रीय मंत्री से बयान को सदन के पटल पर रखने का आग्रह किया. इसके बाद वैष्णव ने बयान सदन के पटल पर रख दिया. उपसभापति ने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी.
Posted by : Vishwat Sen