23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

खरसावां के हरिभंजा में श्रीमंदिर पहुंचने पर महाप्रभु जगन्नाथ को लगे छप्पन भोग, श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना

Jharkhand News (सरायकेला) : सरायकेला-खरसावां जिला अंतर्गत खरसावां प्रखंड के हरिभंजा में महाप्रभु जगन्नाथ की बाहुड़ा यात्रा संपन्न हो गयी. बुधवार की देर शाम महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा व सुदर्शन को श्रीमंदिर के रत्ना सिंहासन में विराजमान कराया गया.

Jharkhand News (शचिंद्र कुमार दाश, सरायकेला) : सरायकेला-खरसावां जिला अंतर्गत खरसावां प्रखंड के हरिभंजा में बुधवार को पारंपरिक उलुध्वनी व शंखध्वनी के बीच जय जगन्नाथ के उदघोष के साथ महाप्रभु जगन्नाथ की बाहुड़ा यात्रा संपन्न हो गयी. बुधवार की देर शाम महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा व सुदर्शन को श्रीमंदिर के रत्ना सिंहासन में विराजमान कराया गया. इस दौरान सोशल डिस्टैंसिंग के बीच सभी धार्मिक रस्मों को निभाया गया.

हरिभंजा में मंगलवार की शाम चतुर्था मूर्ति को गुंडिचा मंदिर के आड़प मंडप से श्रीमंदिर के सम्मुख लाकर पहुंचाया गया था. मंगलवार को एकादशी की तिथि होने के कारण प्रभु जगन्नाथ अपने भाई-बहन के साथ रात्रि विश्राम श्रीमंदिर के बाहर ही किये. बुधवार को देर शाम श्रीमंदिर में प्रवेश किये. इस दौरान प्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा व सुदर्शन को विशेष व्यंजन बना कर भोग लगाया गया. इसके बाद पुरोहित पंडित प्रदीप दाश, पुजारी भरत त्रिपाठी समेत अन्य सेवायतों वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ श्रीमंदिर में प्रवेश कराया.

सबसे पहले सुदर्शन की प्रतिमा थी. इसके बाद बलभद्र, फिर सुभद्रा माता की प्रतिमा थी. सबसे अंतिम में प्रभु जगन्नाथ थे. गुंडिचा मंदिर को प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा व सुदर्शन का जन्म स्थान माना जाता है. श्रीमंदिर पहुंचा कर चतुर्था मूर्ति को रत्न सिंहासन में बैठा कर पूजा-अर्चना कर आरती उतारी गयी. इस दौरान जमीनदार विद्या विनोद सिंहदेव, संजय सिंहदेव, राजेश सिंहदेव आदि मौजूद रहे.

Also Read: Saraikela: भाई-बहन के साथ गुंडिचा मंदिर से श्रीमंदिर पहुंचेंगे प्रभु जगन्नाथ, जानें जिले की क्या है तैयारी

चतुर्था मूर्ति को अर्पित की गयी छप्पन भोग

बुधवार को श्रीमंदिर के मुख्य द्वार पर महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा व सुदर्शन की पूजा अर्चना कर आरती उतारी गयी. इस दौरान छप्पन भोग व अधरपोणा नीति को निभाया गया. छप्पन भोग में छप्पन तरह के मिष्टान्न व्यंजन का भोग अर्पित की गयी. इसके पश्चात अधर पोणा का भी भोग लगाया गया. इसके पश्चात श्रद्धालुओं में भोग का भी वितरण किया गया.

…और प्रभु जगन्नाथ ने मां लक्ष्मी को उपहार में दिये सरगुल्ले

बाहुड़ा यात्रा की समाप्ति पर हरिभंजा के मंदिर में प्रभु जगन्नाथ ने मां लक्ष्मी को उपहार में रसगुल्ले भेंट किये. मान्यता है कि 8 दिनों तक भाई-बहन के साथ गुंडिचा मंदिर में प्रभु जगन्नाथ के रहने के कारण मां लक्ष्मी प्रभु जगन्नाथ से नाराज हो जाती है. जब प्रभु जगन्नाथ 9वें दिन गुंडिचा मंदिर पहुंचते हैं, तो मां लक्ष्मी अंदर से दरवाजा बंद कर देती है.

इसमें भी भक्तों की दो टोली रहती है. एक प्रभु जगन्नाथ के साथ, तो दूसरा मां लक्ष्मी के साथ. इस दौरान 5 मिनट तक दोनों में नोकझोंक होती है. काफी मान-मनौबल के बाद मां लक्ष्मी दरवाजा खोलती है. तब प्रभु जगन्नाथ मां लक्ष्मी को उपहार स्वरूप रसगुल्ला भेंट करते हैं. इस रस्म को भी मंदिर में निभाया गया. उपहार में मिले रसगुल्ले को भक्तों में प्रसाद स्वरूप बांट दिया जाता है.

Also Read: भाई-बहन के साथ गुंडिचा मंदिर से श्रीमंदिर के लिए प्रस्थान करेंगे प्रभु जगन्नाथ, बाहुड़ा यात्रा की तैयारी पूरी

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें