नागिन और इश्क़ में मरजवां जैसे शोज का हिस्सा रहे अर्जुन बिजलानी इनदिनों रियलिटी शो खतरों के खिलाड़ी में नज़र आ रहे हैं. उनका मानना है कि हर किसी को यह शो ज़रूर करना चाहिए. इससे उसको अपनी मेन्टल स्ट्रेंथ का पता चलता है. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत…
शो में जाने से पहले क्या आपकी तैयारियां थी?
तैयारी करने का समय ही नहीं था किसी के पास क्योंकि जिम पूल सब बंद थे. मैंने थोड़ी बहुत घर में एक्सरसाइज की थी. मैं खतरों से पहले अपने परिवार के साथ गोवा हॉलिडे पर गया था तो वहां होटल का जिम खुला था तो दस दिन वहां एक्सरसाइज की. वैसे ये शो फिजिकल नहीं मेन्टल स्ट्रेंथ का है. मेरे कंधे में चोट लगी है. मेरी पत्नी इसको लेकर परेशान थी लेकिन मैं फिर भी स्टंट कर पाया तो इसकी वजह मेरी मेन्टल स्ट्रेंथ ही थी.
आपका डर क्या रहा है
मुझे ठंडे पानी का बहुत डर रहा है. मैं नहा नहीं सकता छू भी नहीं सकता और खतरों में मुझे 4 डिग्री तामपान में पानी में स्टंट करना था. इस शो में आप देखिएगा स्टंट कोई भी हो लेकिन वो खत्म पानी पर ही होता था. वो भी एकदम ठंडे पानी में कूदना होता था. एक स्टंट के बाद तो मेरी हालत हो गयी थी. मैं बोल नहीं पा रहा था. मुझे शीट पहना गया. हीटर के सामने रखा गया था. आधा घंटा लगा मुझे नॉर्मल होने में.
इस शो में आपकी बॉन्डिंग सबसे ज़्यादा किनके साथ हुई?
मेरा स्वभाव ऐसा है कि सभी मेरे दोस्त बन जाते हैं. क्लोज बॉन्डिंग की बात करें तो अभिनव, विशाल, निक्की और आस्था के साथ हुई. हम एक साथ बहुत सारा समय बिताते थे.
रोहित शेट्टी पिछले सात सालों से इस शो को होस्ट कर रहे हैं?
उनसे बेहतर कोई और होस्ट नहीं हो सकता है. ये ऐसा शो है जिसमें आप चाहे तो स्टंट को मना कर सकते हैं या बीच में छोड़ सकते हैं लेकिन वो रोहित सर ही हैं. जो सभी बारह प्रतियोगियों को इस कदर मोटिवेट करते हैं कि आप अपना स्टंट करना चाहते हैं. कभी बॉडी जवाब देने लगती है लेकिन उस वक़्त रोहित सर जिस तरह से पुश करते हैं. वो कमाल का होता है. वो इतने बड़े निर्देशक हैं लेकिन इसके बावजूद वो जमीन से जुड़े इंसान हैं. वो हमें सेट पर कई बार ट्रीट देते थे. हमारे लिए बिरयानी और दूसरी पसंदीदा चीज़ें मंगवाते थे. उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला.
केपटाउन में खतरों के खिलाड़ी की शूटिंग हुई है वहां सबसे ज़्यादा क्या मिस किया आपने?
अपने बेटे को।हम फ़ोन पर भी बात नहीं कर पा रहे थे क्योंकि जहां हम स्टंट करने के लिए जाते थे वहां फ़ोन ले जाना मना था. हम शाम को साढ़े सात बजे होटल आते थे. भारत और वहां के समय में साढ़े तीन घंटे का फर्क है तो जब तक मैं घर में कॉल करता वो सो चुका होता था. वैसे मैं खुद को समझा लेता था कि आखिरकार मैं जो भी कर रहा हूं. उसके लिए ही कर रहा हूं.
आपने एक वीडियो सोशल मीडिया पर वहां के खाने पर शेयर किया था?
अच्छा वो चिकन और ब्राउन राइस. वहां सेट पर हमें हमेशा चिकन और ब्राउन राइस ही मिलता था. इसको लेकर आपस में थोड़ी हम खिंचाई करते थे. हम नॉन वेज वालों का तो फिर भी ठीक था दिव्यांका को बड़ी दिक्कत हुई थी सेट पर. वो वेजेटेरियन है. उसने टीम को बोला हेल्थी वेज में बिना लैक्टो वाला फ़ूड. उसको लंच में मिलता है दो गाजर, बादाम और अखरोट. उधर क्रू में साउथ अफ्रीकन टीम थी तो उनके लिए यही हेल्थी था. उन्हें पता नहीं था कि हम इंडियन हैं. हमारे लिए खाना मतलब पूरा खाना सबकुछ. होटल आने के बाद हमें भारतीय स्टाइल का खाना मिलता था. खतरों के खिलाड़ी की प्रोडक्शन टीम ने एक भारतीय शेफ हमारे लिए रखा था तो डिनर और ब्रेक फ़ास्ट अच्छा होता था इंडियन वाला।लंच सेट पर होता था तो ब्राउन राइस और चिकन ही मिलता था.