पटना. पटना के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर पर हनुमान गढ़ी, अयोध्या ने बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद को पत्र लिखकर अपना अधिकार जताने के लिए दावा पेश किया है. महावीर मंदिर को नियंत्रण में लेने के लिए अयोध्या में हस्ताक्षर अभियान चल रहा था.
इसकी जानकारी शुक्रवार को महावीर वात्सल्य में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव किशोर कुणाल ने दी.
उन्होंने बताया कि अयोध्या में महावीर मंदिर द्वारा संचालित राम-रसोई की राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता महावीर मंदिर की ओर से रामजन्म भूमि मंदिर को प्रति वर्ष दो करोड़ रुपये राशि का सहयोग साथ ही केसरिया के पास जानकी नगर में 270 फुट ऊंचे विराट रामायण मंदिर के निर्माण एवं पटना के पांच विशाल अस्पतालों के निर्माण एवं सुव्यवस्था के कारण यह दावा प्रस्तुत किया गया है.
इसकी जानकारी मिलने पर मैंने महावीर मंदिर के इतिहास एवं कानूनी स्थिति की जानकारी हनुमानगढ़ी के गद्दीशीन महंत प्रेम दास एवं बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद को पहले ही दे दी थी. साथ ही बताया कि उन्होंने पर्षद के पास अपना दावा प्रस्तुत किया है. अत: महावीर मंदिर के इतिहास एवं कानूनी स्थिति से जनता एवं भक्तों को अवगत कराना आवश्यक है.
महावीर मंदिर में हनुमान गढ़ी से आये पुजारी रहते हैं और अब भी आठ पुजारी यहां हैं. इस बारे में बताया गया कि पिछले दिनों हनुमान गढ़ी से आये सात पुजारी यहां परिवार के साथ रहते हैं. इसके अलावा किसी पारिवारिक कार्यक्रम में सभी लोग मंदिर को छोड़कर शामिल हो गये थे.
इसके साथ ही मंदिर के विरुद्ध बातें बोलने की बात सामने आयी. ऐसे में पुजारी उमाशंकर के विरुद्ध अनेक शिकायतें मिलने के कारण उनको हटा दिया गया है. इससे उनके साथ कुछ लोग चले गये. साथ ही अब भी यहां अन्य रिश्तेदार मौजूद हैं.
इन्हीं कारणों से हनुमान गढ़ी में पुजारी को निकालने का बहाना कर इस तरह के कार्य किये जा रहे हैं. इस संबंध में किशोर कुणाल ने बताया कि हनुमान गढ़ी से ही यहां पुजारी आते हैं.
Posted by Ashish Jha