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कमजोर पड़ा झारखंड में मॉनसून, लेकिन कल से इन जिलों में बारिश का अनुमान, वैज्ञानिकों ने दी किसानों को ये सलाह

केंद्रीय मौसम विभाग के वैज्ञानिक उपेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि यही स्थिति 18 व 19 जुलाई को भी रह सकती है. कुछ जगहों पर हल्की बारिश व वज्रपात की संभावना है. गुरुवार को रांची में तेज धूप से लोग परेशान रहे. शाम में कहीं-कहीं छिटपुट बारिश हुई. चाईबासा में सबसे अधिक 18.1 मिमी व जमशेदपुर में 15.4 मिमी बारिश हुई. सबसे अधिक तापमान पाकुड़ का 34.1 डिग्री रहा. वहीं, रांची का अधिकतम तापमान 30.7 डिग्री सेल्सियस रहा.

Weather Forecast Update In Jharkhand रांची : मौसम विभाग के अनुसार झारखंड में मॉनसून कमजोर पड़ गया है. हालांकि, राज्य के कुछ इलाकों खास कर डालटनगंज, गढ़वा, चतरा, गिरिडीह, दुमका, साहिबगंज व पाकुड़ में 17 जुलाई को आकाश में बादल छाये रहेंगे तथा मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है. रांची में भी आकाश में बादल छाये रहने के साथ हल्की बारिश हो सकती है.

केंद्रीय मौसम विभाग के वैज्ञानिक उपेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि यही स्थिति 18 व 19 जुलाई को भी रह सकती है. कुछ जगहों पर हल्की बारिश व वज्रपात की संभावना है. गुरुवार को रांची में तेज धूप से लोग परेशान रहे. शाम में कहीं-कहीं छिटपुट बारिश हुई. चाईबासा में सबसे अधिक 18.1 मिमी व जमशेदपुर में 15.4 मिमी बारिश हुई. सबसे अधिक तापमान पाकुड़ का 34.1 डिग्री रहा. वहीं, रांची का अधिकतम तापमान 30.7 डिग्री सेल्सियस रहा.

इधर रांची सहित राज्य के कई इलाकों में मौसम साफ रहने के कारण किसान हल लेकर खेतों में उतर गये हैं. नमी का फायदा उठा कर खेतों को जोत रहे हैं. वहीं, कई जगह खेतों में पर्याप्त पानी होने व कीचड़ रहने से लोग धान की रोपनी भी कर रहे हैं. स्कूल-कॉलेज बंद रहने से युवक-युवती भी घर के बुजुर्गों का धनरोपनी में हाथ बंटा रहे हैं. पारंपरिक गीतों के साथ महिलाएं धनरोपनी कर रही हैं.

कृषि वैज्ञानिकों की सलाह :

बिरसा कृषि विवि ग्रामीण कृषि मौसम सेवा विभाग की ओर से किसानों को खेती की सलाह दी गयी है. कृषि वैज्ञानिक डॉ ए वदूद के अनुसार, जिन किसानों के पास बिचड़ा 20 दिनों का हो गया है, वे रोपा शुरू कर दें. खेत की अंतिम तैयारी के समय यूरिया 10 किलोग्राम, डीएपी 25 किलोग्राम, म्यूरिएट अॉफ पोटाश 11 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से मिट्टी में मिला दें. एक से दो बिचड़े को 30 सेंटीमीटर (कतार से कतार) तथा 10 सेंटीमीटर (पौधा से पौधा) की दूरी पर कम गहराई पर रोपें.

ऊपरी जमीन पर परती खेत में इस समय मौसम अनुकूल रहने पर अरहर, उड़द, मूंग, मड़ुआ आदि की बुआई कर सकते हैं. फलदार पौधा लगाने के लिए गड्ढे में आठ से 10 किलोग्राम गोबर का खाद, दो किलोग्राम करंज की खली, एक किलोग्राम डीएपी, 500 ग्राम म्यूरिएट अॉफ पोटाश, 100 ग्राम मिथाइल पाराथियान धूल डाल कर ही पौधा लगायें.

Posted BY : Sameer Oraon

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