कौशिक रंजन, पटना. राज्य में भूमि विवादों को कम करने के लिए सरकार कुछ महत्वपूर्ण पहल करने जा रही है. इसके तहत अब दाखिल-खारिज में जमीन के नये मालिक के नाम के साथ ही अब इसके नक्शे में भी बदलाव होगा. यानी नाम और नक्शा दोनों का एक साथ ही म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) होगा.
अगर कोई व्यक्ति जमीन की रजिस्ट्री कराता है, तो दाखिल-खारिज में उसका नाम, प्लॉट नंबर के साथ ही उस जमीन का नक्शा भी नये रूप में तैयार करके दिया जायेगा. इससे भविष्य में जमीन विवाद से जुड़ी कोई आशंका नहीं रहेगी. राज्य में जमीन के हो रहे नये सर्वे के बाद यह प्रावधान पूरी तरह से लागू कर दिया जायेगा.
इससे जमीन के सीमांकन के साथ नक्शे की पूरी स्थिति स्पष्ट हो जायेगी. सरकार इसके लिए दाखिल-खारिज कानून में संशोधन करने जा रही है. विधि विभाग से इस संशोधन की मंजूरी मिलने के बाद अब यह कैबिनेट से पास होगा और इसके बाद इसे मॉनसून सत्र में विधानमंडल से पारित करवा कर लागू कर दिया जायेगा.
दाखिल-खारिज कानून में किये जा रहे अहम संशोधन के तहत नक्शे में जमीन की चौहद्दी का निर्धारण रैयत या संबंधित जमीन मालिक को करके बताना होगा. किसी भी नक्शे में चौहद्दी का उल्लेख अनिवार्य रूप से करना होगा. अगर दाखिल-खारिज से जुड़ा कोई विवाद होगा, तो उसका निबटारा संबंधित होल्डिंग क्षेत्र के पदाधिकारी या सीओ के पास होगा.
अब जमीन के नक्शे का प्रारूप अंतिम रूप से तैयार होने के बाद ही इसे जारी किया जायेगा. इस नये प्रावधान के तहत जमीन के डीड या एग्रीमेंट में जमीन का प्री-म्यूटेशन स्केच को भी रजिस्ट्रेशन के कागज में भी जमा करना होगा. रैयत को ही अपनी जमीन का नक्शा तैयार करवाना होगा.
इस तरह के प्री-म्यूटेशन स्केच की आवश्यकता जमीन की सभी तरह की रजिस्ट्री में पड़ेगी, चाहे वह जमीन गिफ्ट, बदलैन (अदला-बदली), खरीद-बिक्री, बंटवारा, पैतृक, कोर्ट ऑर्डर समेत अन्य सभी तरह की जमीन की रजिस्ट्री हो. राज्य सरकार ने जमीन का स्केच तैयार करने के लिए जमीन सर्वेयर या किसी तीसरी पार्टी से कराने की छूट प्रदान की है.
इसके अलावा नये प्रावधान के अंतर्गत सभी अंचलों में सिविल ट्रेड के डिप्लोमा धारी युवकों की बहाली भी की जायेगी, जिनका काम खासतौर से नक्शा तैयार करना होगा. इस मामले को लेकर अभी अंतिम सहमति बन रही है. जमीन का नक्शा तैयार करने वालों को राज्य सरकार उचित ट्रेनिंग भी देगी.
Posted by Ashish Jha