गंडक नदी का डिस्चार्ज मंगलवार को घटता-बढ़ता रहा. पिछले 11 दिनों से नदी का जल स्तर गोपालगंज में खतरे के निशान से 1.05 मीटर ऊपर बना हुआ है. पिछले 48 घंटे से 1.61 लाख क्यूसेक के ऊपर पानी का डिस्चार्ज बना हुआ है. हर घंटे जल स्तर घट-बढ़ रहा है. निचले इलाके के 43 गांव बाढ़ की त्रासदी को लगातार झेलने को मजबूर है. गांव में नीचे पानी तीन से चार फुट की धारा बह रही है, तो मंगलवार की सुबह से शाम तक सूर्य भी आग उगलने लगे थे.
बाढ़ से लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ी हुई थी. नीचे पानी और ऊपर धूप ने पीड़ितों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है. गांव छोड़कर बांध, ऊंचे स्थल पर शरण लेने वालों को दो मीटर पॉलीथिन के नीचे रहने के कारण काफी बेचैनी देखी गयी.
पीड़ित इलाकों में लोग सर्दी, खांसी, बुखार, सरदर्द, बदन दर्द के चपेट में आ रहे हैं. कुचायकोट प्रखंड के कालामटिहनियां, सदर प्रखंड के भसही, धर्मपुर, सेमराही, मुंगरहा, निमुइया रामनगर, जगीरीटोला, कठघरवां, मकसुदपुर, मेहंदियां, निरंजना, रामपुर टेंगराही तो बैकुंठपुर के पकहा, धर्मबारी, बंगरा, सत्तरघाट, प्यारेपुर, आशा खौरा, फैजुल्लाहपुर गांवों पानी के घटने -बढ़ने के कारण स्थिति बिगड़ी हुई है. गांवों में तबाही कम होने का नाम नहीं ले रही है.
नदी के घटते -बढ़ते जल स्तर के बीच खतरे के निशान से नदी के ऊपर रहने के कारण तटबंधों की मॉनीटरिंग और स्थिति की पल-पल की जानकारी कंट्रोल रूम से अपडेट की जा रही है. नदी का अटैक विशुनपुर-अहिरौलीदान, देवापुर, भैसही-पुरैना, शीतलपुर, मूंजा, पकहां बांध पर होने के कारण यहां चौकसी बढ़ा दी गयी है. नदी के जलस्तर में बढ़ने के कारण तटबंधों पर हाइअलर्ट में इंजीनियरों को रखा गया है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan