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झारखंड के इस जिले में 42 दिनों में 18 लोगों ने की आत्महत्या, महिलाओं से अधिक पुरुष कर रहे सुसाइड, ये है वजह

Jharkhand Crime News, गुमला न्यूज (दुर्जय पासवान) : झारखंड के गुमला जिले में आत्महत्या थम नहीं रही. हर तीन-चार दिन में एक व्यक्ति अपनी जान दे रहा है. आंकड़ा देखें, तो 42 दिनों में 18 लोगों ने आत्महत्या की है. इसमें महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा आत्महत्या कर रहे हैं. 42 दिनों के आंकड़ा के अनुसार छह पुरुष, 10 युवक व दो युवती ने अपनी जान दी है. इसमें 99 प्रतिशत लोगों ने फांसी लगाकर व जहर खाकर मौत को गले लगाया.

Jharkhand Crime News, गुमला न्यूज (दुर्जय पासवान) : झारखंड के गुमला जिले में आत्महत्या थम नहीं रही. हर तीन-चार दिन में एक व्यक्ति अपनी जान दे रहा है. आंकड़ा देखें, तो 42 दिनों में 18 लोगों ने आत्महत्या की है. इसमें महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा आत्महत्या कर रहे हैं. 42 दिनों के आंकड़ा के अनुसार छह पुरुष, 10 युवक व दो युवती ने अपनी जान दी है. इसमें 99 प्रतिशत लोगों ने फांसी लगाकर व जहर खाकर मौत को गले लगाया.

गुमला में मौत के प्रमुख कारणों में बीमारी से तंग, गरीबी से परेशानी, पत्नी से लड़ाई व प्रेम प्रसंग है. पुलिस ने अब तक के 17 आत्महत्या मामले में यूडी केस दर्ज किया है. इसमें कुछ मौतों पर पुलिस ने परिजनों के बयान के आधार पर मृतक को विक्षिप्त करार दिया है, जबकि टोटो में युवक का शव फंदे से लटकते मिलने के मामले में परिजनों ने जांच की मांग की है. इधर, लॉकडाउन में जिस प्रकार लोग कामकाज, डिप्रेशन व घरेलू समस्या से जूझ रहे हैं. चुनौती का सामाना नहीं कर पाने वाले लोग खुद की जान दे रहे हैं, जबकि मनोविज्ञान अस्पताल गुमला की मानें तो किसी समस्या का समाधान मौत नहीं हो सकता है. इसलिए लोगों को अपने जीवन के महत्व को समझना होगा.

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केस स्टडी : किसान ने की थी आत्महत्या

घटना 25 जून 2021 की है. रायडीह थाना स्थित सोपो गांव के किसान चोन्हास कुजूर (36 वर्ष) ने बीमारी व गरीबी से तंग आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. चोन्हास की मौत से परिवार पर संकट आ गया है. हालांकि कुछ मदद प्रशासन ने की है. मृतक की पत्नी जसिंता कुजूर ने बताया की मेरे दो छोटे छोटे बच्चे हैं. पहला अराधना कुजूर 4 वर्षीय व दूसरा अनुरोध कुजूर 2 वर्षीय है. पत्नी कहती है. गरीबी व बीमारी ने मेरे पति को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया था.

कोई समस्या है, तो उस पर चर्चा करें

डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति को अकेले नहीं रहना चाहिए. इस समय लॉकडाउन में सामान्य व्यक्ति भी अपना मानसिक संतुलन कभी-कभी खो रहा है. ऐसे में डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति के लिए ये समय किसी चुनौती से कम नहीं. अपने दोस्तों और परिवार के लगातार संपर्क में रहे. अपनी समस्याओं पर चर्चा करें और खुलकर उनसे मदद मांगें.

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जून माह में 12 लोगों ने की आत्महत्या

04 जून : भरनो थाना के बाजार रोड निवासी 35 वर्षीय संतोष केशरी ने कुआं में कूदकर आत्महत्या कर लिया था.

13 जून : रायडीह थाना के कांसीर मरियमटोली निवासी रफेल टोप्पो ने जहर खाकर आत्महत्या कर लिया था.

15 जून : भरनो थाना के अमलिया तेतरटोली गांव में शराब पीने से मना करने पर शनिचरवा मुंडा ने जहर खाकर आत्महत्या कर लिया था.

15 जून : घाघरा थाना के चुंदरी महूगांव निवासी एतवा उरांव ने जहर खाकर आत्महत्या कर लिया था.

16 जून : बिशुनपुर प्रखंड के सुनील उरांव (30) ने अपने घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था.

17 जून : डुमरी थाना के बंदुवा गांव निवासी युवक अनूप सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था.

17 जून : गुमला थाना के बड़ा खटंगा गांव निवासी राजू उरांव ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था.

18 जून : गुमला थाना के गिंडरा महुआटोली गांव में युवक चितरंजन मुंडा ने जहर खाकर आत्महत्या कर लिया था.

25 जून : कामडारा थाना के बुरुहातू गांव में शराब पीने से मना करने पर युवक विमल तोपनो ने आत्महत्या कर लिया था.

26 जून : घाघरा थाना के सेहल वंशीटोली गांव में युवती रेणुका उरांव ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी.

26 जून : रायडीह थाना के सोपो गांव में बीमारी व गरीबी से तंग आकर किसान चोन्हास कुजूर ने आत्महत्या कर लिया था.

28 जून : कामडारा के चंगाबारी गांव में पत्नी से विवाद के बाद अगनू उरांव ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था.

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एक से 12 जुलाई तक आत्महत्या का केस

02 जुलाई : डुमरी थाना के मझगांव निवासी युवक फुलसाय खेरवार ने मानसिक तनाव में आकर आत्महत्या कर लिया था.

03 जुलाई : भरनो थाना के नवाटोली गांव की महिला पुष्पा देवी ने अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.

05 जुलाई : भरनो प्रखंड की 16 वर्षीय लड़की ने प्रेम प्रसंग को लेकर आत्महत्या करने का प्रयास की थी.

10 जुलाई : पुसो थाना के खेर्रा गांव के युवक राजेश लोहरा ने पत्नी से विवाद के बाद जहर खाकर आत्महत्या कर लिया था.

10 जुलाई : आंजन तेतरटोली के सुनील उरांव को जब जेब खर्च के लिए पैसा नहीं मिला तो आत्महत्या कर लिया था.

10 जुलाई : गुमला के टोटो निवासी युवक अबू रेहान का शव रस्सी के फंदे से लटकते हुए मिला था.

12 जुलाई : पालकोट थाना के मतिमटोली निवासी अधेड़ जोवाकिम सुरीन ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था.

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मनोविज्ञान अस्पताल के अनुसार आत्महत्या के कारण

-आत्महत्या का कारण नशीले पदार्थों का उपयोग है. जब लोग शराब या ड्रग्स का सेवन करते हैं तो वह और अधिक आवेगशील हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में वह बिना सोचे समझे खुदकुशी करने का प्रयास करते हैं.

– आत्महत्या का कारण व्यक्तिगत, सामाजिक या आर्थिक भी है. अवसाद (डिप्रेशन) भी बड़ा कारण है. काम का बोझ व घरेलू समस्या से कई लोग तनाव भरी जिंदगी जीने लगते हैं. अंत में वह खुदकुशी का प्रयास करता है.

-अशिक्षा आत्महत्या का एक बहुत बड़ा कारण है. लोग अक्सर यह सोचते हैं कि मृत्यु के बाद सारी जिम्मेदारियों से मुक्ति मिल जायेगी. आत्महत्या को ही अंतिम समाधान मान लेते हैं और गलत कदम उठाते हैं.

-पुरुषों में महिलाओं की तुलना में आत्महत्या के विचार ज्यादा आते हैं. आमदनी ना होना, पारिवारिक कलह, नौकरी न होना है. वहीं महिलाएं अक्सर किसी बात को ना सहने की क्षमता और इमोशनल की वजह से आत्महत्या करती हैं.

– कई बार लोगों को लगता है कि वह जिंदगी और हालातों से पैदा हुई चुनौतियों का सामना नहीं कर पायेगा. समस्याओं का समाधान नहीं तलाश पायेंगे. इन हालातों से घबराकर लोग आत्महत्या का रास्ता चुनते हैं.

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लोगों से अपील

जीवन अनमोल है. मुसीबत से डरें नहीं. सामना करें. जीत आपकी होगी. समस्या कुछ दिनों के लिए है. अपनी जिम्मेवारी को समझे. मौत किसी समस्या का समाधान नहीं है.

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42 दिनों के सुसाइड का आंकड़ा

पुरुष : 06

युवक : 10

युवती : 02

टोटल : 18

इस प्रकार मरे

फांसी लगाकर : 11

जहर खाकर : 06

कुआं डूबकर : 01

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मनोविज्ञान अस्पताल की नील कुसुम लकड़ा बताती हैं कि हर आत्महत्या दुखद होती है, लेकिन हर मामले में कुछ न कुछ रहस्य छिपा होता है. हर आत्महत्या के पीछे एक सामान्य वजह होती है और वह है मन में निराशा की गहरी भावनाओं का घर कर जाना. नाबालिगों या किशोरावस्था में की जाने वाली आत्महत्या के लिए ज्यादातर उतावलापन या भावुकता से भरपूर भावनाएं ही जिम्मेदार होती हैं.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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