पटना. आयकर विभाग इस बार सालों से कम टैक्स दे रहे या आयकर देने में हेराफेरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रहा है. आयकर रिटर्न (आइटीआर) दायर करने वालों की केंद्रीयकृत तरीके से डाटा का विश्लेषण करने के बाद बिहार से 900 से ज्यादा लोग ऐसे सामने आये, जो पिछले तीन से पांच वर्षों से अपनी आमदनी की तुलना में कम टैक्स दे रहे हैं या अपनी आय को छिपा रहे हैं. इन लोगों को खासतौर से चिन्हित करके इनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
बहुत जल्द ही इन सभी लोगों को नोटिस जारी करके स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा जायेगा. सही कारण नहीं बताने वालों के खिलाफ जुर्माना समेत अन्य सभी कानूनी कार्रवाई की जायेगी. इसमें दो से ढाई सौ की संख्या में ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने 2016 में हुई नोटबंदी के बाद अपनी काली कमाई को सफेद करने के लिए कई स्तर पर इन्हें ठिकाना लगाया था. इन लोगों पर भी विभाग कार्रवाई करने की तैयारी में है.
इसके अलावा इससे पहले भी सैकड़ों लोगों को विभाग की तरफ से आयकर चोरी या कम टैक्स देने वालों को नोटिस जारी किया गया था. इसमें भी बड़ी संख्या में लोगों ने उचित जवाब नहीं दिया है. कोरोना संक्रमण का बहाना बनाकर कई लोगों ने टैक्स छिपाने की कोशिश की है. ऐसे सभी लोगों के खिलाफ भी विभाग इस बार व्यापक कार्रवाई की तैयारी में जुटा है.
इस बार जिन लोगों के खिलाफ आयकर विभाग कार्रवाई करने जा रहा है. उसमें वैसे लोगों की भी संख्या काफी है, जिन्होंने कोरोना संक्रमण के दौरान भी अच्छी आमदनी की है, लेकिन उस अनुपात में सही टैक्स नहीं जमा किया है. अपनी आय को काफी कम करके टैक्स भरा है. इसमें बड़ी संख्या निजी अस्पताल, दवा कारोबारी समेत इससे जुड़े अन्य लोगों की है.
इस बार से आयकर विभाग पूरे मामले की सुनवाई ऑनलाइन करेगा. इसके लिए आयकर विभाग ने पूरी प्रणाली तैयार कर ली है. ई-मेल या व्हाट्स एप पर मैसेज के अलावा मोबाइल फोन से सूचना दी जायेगी और ई-मेल के जरिये ही जवाब मंगवाया जायेगा. पूछताछ से जुड़ी तमाम कार्रवाई ऑनलाइन ही होगी. जिनसे पूछताछ करने की जरूरत होगी, उन्हें लिंक भेजकर निर्धारित समय पर ऑनलाइन उपस्थित होने के लिए कहा जायेगा.
इस ऑनलाइन सुनवाई में यह भी व्यवस्था की गयी है कि दूसरे राज्यों या स्थान के अायकर अधिकारी भी यहां के लोगों की सुनवाई करेंगे. इन तमाम स्तरों पर कार्रवाई पूरी करने के बाद जब किसी के खिलाफ समन जारी करके बुलाने की स्थिति बनेगी, तभी किसी को कार्यालय बुलाया जायेगा. हालांकि छापेमारी की कार्रवाई भी आयकर के स्तर पर पहले की तरह ही की जायेगी.
कोरोना को देखते हुए आयकर विभाग ने समुचित कार्रवाई की व्यवस्था की है. ताकि टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके क्योंकि बिहार में टैक्स बेस अभी भी काफी कम है, जिसे बढ़ाने की कवायद विभागीय स्तर पर तेजी से शुरू हो गयी है.
Posted by Ashish Jha