पालकोट प्रखंड के नाथपुर गांव में वर्ष 1996 में प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र बना है. लेकिन केंद्र में मूलभूत सुविधा नहीं है. यह बंद रहता है. एक तरफ सरकार ग्रामीण जनताओं के स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान हेल्थ सेंटर बनाकर गांव के लोगों के लिए उपचार का प्रबंध कर रही है. लेकिन नाथपुर गांव में बने हेल्थ सेंटर के साथ आयुष्मान हेल्थ सेंटर में आम मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं से वंचित है.
गांव के अमर सिंह ने बताया कि हमारे गांव में इलाज के लिए स्वास्थ्य उपकेंद्र बना है. लेकिन यहां न तो बिजली का प्रबंध है और न ही पानी की व्यवस्था है. शौचालय के लिए बना घर में दरवाजा नहीं है. राजेश साहू ने कहा कि नाथपुर में बने स्वास्थ्य उपकेंद्र में मरीजों के लिए कोई सुविधा नहीं है.
हमारे यहां सिर्फ सीएचओ एक, नर्स एक व एक एएनएम है.अभी पूरा देश कोविड महामारी से जूझ रहा है. पता चलता है कि कोविड का वैक्सीन खत्म हो गया है. बुजुर्ग मंगल टेटे ने कहा कि हमलोग अपने स्वास्थ्य उपकेंद्र से दो किलोमीटर दूर में रहते हैं. अगर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई योजना व अभियान चलाया जाता है, तो उसको बताने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को गांव आना चाहिए. लेकिन हमारे गांव में कोई भी स्वास्थ्य कर्मचारी नहीं आते हैं. इस केंद्र से 10 हजार लोगों का जुड़ाव है. परंतु सुविधा के अभाव में लोग पालकोट अस्पताल जाते हैं.