कोलेबिरा : कोलेबिरा की लाइफ लाइन कहे जाने वाले कोलेबिरा डैम का मेढ़ क्षतिग्रस्त हो गया है. इससे डैम का अस्तित्व संकट में पहुंच गया है. सरकार की उदासीन नीति एवं विभागीय पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण कोलेबिरा डैम कभी भी ढह सकता है. बरसात के पानी का बहाव के कारण कोलेबिरा डैम का मेढ़ पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है. मेढ़ के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण डैम का पानी का बहाव क्षतिग्रस्त स्थल से हो रहा है.
यदि यही स्थिति रही तो डैम के निचले भाग में बसे गांव बांधदीपा, पीठटोली, कुंदूरदेगा आदि गांव में पानी घुस जायेगा तथा जान माल की भारी क्षति होने की संभावना है. वहीं डैम के टूटने की स्थिति में भारी जान माल की क्षति हो सकती है. यहां बता दें कि कोलेबिरा डैम के मेंढ़ों में कई जगह से पानी का रिसाव होता था. जिसकी सूचना स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा अनेकों बार विभागीय पदाधिकारियों से लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी, उपायुक्त, विधायक, सांसद से किया गया. किंतु रिसाव स्थलों को दुरुस्त करने की दिशा में अब तक कोई पहल नहीं की गयी.
पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा डैम के रिसाव स्थल का मुआयना कर केवल खानापूर्ति कर दी गयी. डैम के रिसाव स्थल का निरीक्षण विधायक शिवपूजन कुशवाहा के नेतृत्व में विधानसभा स्तरीय टीम के द्वारा भी किया गया था. इसके अलावा कोलेबिरा के विधायक नमन बिक्सल कोंगाड़ी, जिले के तत्कालीन उपायुक्त विजय कुमार सिंह, जटाशंकर चौधरी, मंजूनाथ भजंत्री, कोलेबिरा के प्रखंड विकास पदाधिकारी अजय भगत, अमर जॉन आइंद, अखिलेश कुमार आदि द्वारा भी किया जा चुका है.
लेकिन निरीक्षण के अलावा आज तक कुछ नहीं किया गया. जिले के पूर्व उपायुक्त विजय कुमार सिंह ने रिसाव स्थल का निरीक्षण कर प्राक्कलन तैयार करने का भी निर्देश दिया था. विभाग के कनीय अभियंताओं के द्वारा रिसाव की मरम्मत के लिए प्राक्कलन भी तैयार किया गया. किंतु आज तक रिसाव स्थल का मरम्मत नहीं हो पाया. इस संबंध में पंचायत की मुखिया आलोमनी बागे ने कहा कि डैम के रिसाव स्थल की मरम्मत के लिये उनके द्वारा अनेकों बार विभागीय पदाधिकारियों से गुहार लगायी गयी.
किंतु आज तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने अपने निजी खर्च से गत वर्ष डैम के रिसाव स्थल की मरम्मत करायी थी.भाजपा मंडल अध्यक्ष अशोक इंदवार ने कहा कि डैम के रिसाव स्थल के लिये कई बार विभागीय पदाधिकारी से संपर्क किया गया. किंतु आज तक कुछ नहीं हुआ.सांसद प्रतिनिधि चिंतामणि कुमार का कहना है इस बरसात में डैम की स्थिति काफी जर्जर हो गयी है. जो कभी भी टूट सकता है. झामुमो जिला अध्यक्ष आलोक बागे ने कहा कि मेढ़ की मरम्मत जल्द होनी चाहिए अन्यथा डैम के अस्तित्व पर खतरा हो सकता है.