भारत के महान हॉकी खिलाड़ियों में से एक केशव चंद्र दत्त का मंगलवार रात स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण निधन हो गया. वह 1948 और 1952 के ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा थे. वह काफी समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे.हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंगोमबम ने कहा, “हम सभी आज सुबह महान हाफबैक केशव दत्त के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुखी हैं. वह 1948 और 1952 के ओलंपिक खेलों के एकमात्र जीवित सदस्य थे और आज वास्तव में एक युग के अंत की तरह महसूस कर रहे हैं.
The world of hockey lost one of its true legends today. Saddened at the passing away of Keshav Datt. He was a double Olympic gold medal winner, 1948 and 1952. A champion of India and Bengal. Condolences to his family and friends.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) July 7, 2021
उन्होंने आगे कहा कि हम सभी ओलंपिक में स्वतंत्र भारत के लिए उनकी यादगार यात्राओं की अविश्वसनीय कहानियों को सुनकर बड़े हुए हैं और उन्होंने देश में हॉकी खिलाड़ियों की पीढ़ियों को प्रेरित किया है. हॉकी इंडिया ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और फेडरेशन की ओर से मैं उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं.
बता दें कि केशव चंद्र दत्त ने कोलकाता के संतोषपुर में अपने निवास पर देर रात साढ़े बारह बजे अंतिम सांस ली. दत्त 1948 में लंदन खेलों में भारतीय टीम का हिस्सा थे, जहां भारत ने लंदन के वेम्बले स्टेडियम में घरेलू टीम ब्रिटेन को 4-0 से हराकर स्वतंत्रता के बाद पहली बार हॉकी में स्वर्ण पदक जीता था.वह हेलसिंकी ओलंपिक में 1952 में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम का भी हिस्सा रहे.
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूर्व हॉकी खिलाड़ी के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि हॉकी जगत ने आज एक वास्तविक महान खिलाड़ी को खो दिया। केशव दत्त के निधन से दुखी हूं. वह 1948 और 1952 में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीमों का हिस्सा थे। भारत और बंगाल के चैंपियन। उनके परिवार और मित्रों के प्रति संवेदनाएं.