अगर आप अपने पैसे का सुरक्षित निवेश करने की सोच रहे हैं तो आप अपनी बचत को पोस्ट ऑफिस में निवेश कर सकते हैं. यहां आपको न सिर्फ अच्छा रिटर्न मिलेगा, बल्कि आप जोखिम से भी बचे रहेंगे. बता दें, केंद्र सरकार ने कई सेविंग स्कीम में ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है. ऐसे में पोस्ट ऑफिस की कई सेविंग स्कीम हैं, जहां पैसे लगाकर अपनी रकम को डबल किया जा सकता है. आज हम पोस्ट ऑफिस की कुछ स्कीम्स के बारे में बता रहे हैं जहां अच्छा रिटर्न मिलता है.
सुकन्या समृद्धि योजनाः सुकन्या समृद्धि योजना में (Sukanya Samriddhi Yojana) कम निवेश करके भी 15 लाख रुपये तक की रकम जमा की जा सकती है. इस स्कीम में सबसे ज्यादा 7.6 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ स्कीम के तहत पीएम मोदी ने इस योजना की शुरुआत की थी. इसमें न्यूनतम 250 रुपये सालाना जमा किया जा सकता है. सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खोलने के लिए बेटी के जन्म के बाद 10 साल तक का समय होता है. इसमें न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये सालाना जमा किया जा सकता है.
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट्स स्कीमः नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट्स (National Savings Certificates) योजना छोटी बचत योजनाओं में एक खास सेविंग स्कीम (Saving Scheme) है. सबसे खास बात की इस योजना में रिटर्न की गारंटी होती है. एनएससी (NSC Scheme) में निवेश करके Income Tax Deduction का बेनिफिट मिलता है. सबसे बड़ी बात कि इसमें निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है. इसके अलावा एनएससी के पास पांच साल की लॉक-इन पीरियड भी है. इस योजना में ब्याज दर हर तीन महीने में बदल जाता है.
किसान विकास पत्रः किसान विकास पत्र (Kisan Vikash Patra) पोस्ट ऑफिस का एक और बेहतरीन प्लान है. इसे पोस्टऑफसि के साथ-साथ बैंकों से भी खरीदा जा सकता है. इस योजना की सबसे खास बात यह है कि, यह भारत सरकार की वन टाइम इंवेस्टमेंट प्लान है. इस योजना के तहत एक तय समय सीमा में पैसा डबल हो जाता है. इस स्कीम में न्यूनतम 1000 रुपये से निवेश किया जा सकता है. वहीं, इसका मेच्योरिटी पीरियड 124 महीनें है.
सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम: सिनियर सिटीजन सेविंग योजना वरिष्ठ नागरिकों के लिए डाकघर की एक बेहद खास योजना है. इस योजना में वहीं लोग निवेश कर सकते हैं, जो 60 साल की उम्र पार कर चुके हैं. इस योजना की सबसे खास बैत यह है कि इस योजना में सरकार फिक्सड डिपॉजिट से भी ज्यादा ब्याज देती है. इस योजना में निवेश की राशि पांच साल में मैच्योर होती है. वहीं, यह अवधि सिर्फ एक बार तीन साल तक के लिए बढ़ाई जा सकती है. इसमें ब्याज दर फिक्स्ड नहीं होता, यह बदलते रहता है.
Posted by: Pritish Sahay
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