20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

‘मसूर की दाल अब भी लाल’, केंद्रीय खाद्य सचिव का दावा – सरकार के हस्तक्षेप के बाद खुदरा बाजारों में घटने लगीं कीमतें

मसूर दाल को छोड़कर दूसरी सभी तरह की दालों के दाम पिछले 4 से 5 हफ्ते से खुदरा और थोक बाजारों में लगातार घटने लगे हैं.

नई दिल्ली : देश के खुदरा और थोक बाजारों में मसूर की दाल अब भी लाल है और उसकी कीमत खुदरा बाजार में 87 रुपये प्रति किलो है, लेकिन केंद्रीय खाद्य सचिव की ओर से दावा किया जा रहा है कि सरकार के हस्तक्षेप के बाद खुदरा और थोक बाजारों में दालों की कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है. केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने सोमवार को कहा कि दलहन के थोक, खुदरा विक्रेताओं, मिलों और आयातकों पर सरकार की ओर से हाल में लगाई गई स्टॉक सीमा का खुदरा दाम पर और प्रभाव पड़ेगा.

पांडेय ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मसूर दाल को छोड़कर दूसरी सभी तरह की दालों के दाम पिछले 4 से 5 हफ्ते से खुदरा और थोक बाजारों में लगातार घटने लगे हैं. उन्होंने कहा कि आम तौर पर यहां मसूर का उत्पादन कम होता रहा है और इसका आयात किया जाता है. मसूर दाल का आयात बढ़ा है और सरकार को उम्मीद है कि इसके दाम पर भी नरमी के रुख का असर होगा.

दिल्ली में आसमान पर दालों का दाम

सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, देश की राजधानी दिल्ली में इन दिनों चना दाल का दाम 73 रुपये किलो के करीब चल रहा है. वहीं, मसूर दाल 87 रुपये किलो, मूंग दाल 100 रुपये किलो, अरहर दाल 110 रुपये किलो और उड़द दाल 114 रुपये किलो के आसपास चल रही हैं.

दालों के आयात को बढ़ावा

दालों के दाम पर अंकुश रखने के लिए सरकार के कदमों की जानकारी देते हुए खाद्य सचिव ने कहा कि उड़द और मूंग के आयात को बढ़ावा देने के लिए आयात नीति में बदलाव किया गया. इनका आयात प्रतिबंधित श्रेणी से हटाकर इस साल अक्टूबर तक के लिए मुक्त श्रेणी में डाल दिया गया. इसी प्रकार, जमाखोरी को रोकने के लिए सरकार ने मूंग दाल को छोड़कर दूसरी सभी दालों पर अक्टूबर तक के लिए स्टॉक सीमा लागू की है.

आने वाले दिनों में कम होगी कीमत

सचिव ने कहा कि स्टॉक सीमा लगाए जाने और व्यापारियों को उनके पास उपलब्ध स्टॉक की सीमा के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने की बाध्यता से आने वाले हफ्तों में दाम और नीचे आएंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के प्रावधानों के तहत केवल गेहूं और चावल का वितरण करती है. हालांकि, कुछ राज्य सरकारें खाद्य तेल और दलहनों का भी वितरण कर रहीं हैं.

Also Read: Coronavirus और Lockdown की मार, बिहार में लोगों की थाली से दाल गायब, सरसों तेल की कीमत में भी भारी बढ़ोतरी

Posted by : Vishwat Sen

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें