संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) के बयान के बाद लगातार प्रतिक्रिया आ रही है. भागवत ने रविवार को कहा कि इस देश में हिंदू और मुस्लिम (Hindu Muslim News) अलग नहीं हैं, सभी भारत के लोगों का डीएनए एक ही है. उनके इस बयान को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Congress, Digvijay Singh Statement) ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि आप अपने बयान को लेकर ईमानदार हैं…. तो आपको उन सभी भाजपा नेताओं को पद से हटाना चाहिए, जिन्होंने निर्दोष मुसलमानों को प्रताड़ित करने का काम किया है.
भागवत के बयान पर दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया है. उन्होंने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि मोहन भागवत जी यह विचार क्या आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को भी देने का काम करेंगे. क्या यह शिक्षा आपर नरेंद्र मोदी-अमित शाह और भाजपा के मुख्यमंत्रियों को भी देंगे?
अगले ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने लिखा कि यदि यह विचार मोहन भागवत जी आप अपने शिष्यों को पालन करने के लिए बाध्य करने में कामयाब होंगे तो मैं आपका प्रशंसक हो जाऊंगा…हालांकि यह आसान नहीं है…आप लोग हिंदू-मुसलमान के बीच इतनी नफरत भर चुके हैं कि उसे दूर करना आसान नहीं है…सरस्वती शिशु मंदिर से लेकर संघ की ओर से बौद्धिक प्रशिक्षणों में मुसलमानों के खिलाफ जो नफरत का बीज बोया गया है वह निकालना आसान काम नहीं है.
आगे अपने ट्विटर वॉल पर दिग्विजय सिंह ने लिखा कि यदि आप अपने व्यक्त किए विचारों के प्रति ईमानदार हैं तो भाजपा में वे सब नेता, जिन्होंने निर्दोष मुसलमानों को प्रताड़ित करने का काम किया है, उन्हें उनके पदों से तत्काल हटाने का निर्देश आपको देना चाहिए…शुरुआत नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ से आपको करना चाहिए….उन्होंने कहा कि मुझे मालूम है, आप नहीं करेंगे क्योंकि आपके कथनी और करनी में फर्क है…आपने सही कहा है…हम पहले भारतीय हैं… लेकिन हुजूर अपने शिष्यों को तो पहले समझाएं…वे मुझे कई बार पाकिस्तान जाने की सलाह देने का काम कर चुके हैं….
क्या कहा था भागवत ने : राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा ‘हिंदुस्तानी प्रथम, हिंदुस्तान प्रथम’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों. मुसलमानों को डर के इस चक्र में नहीं फंसना चाहिए कि भारत में इस्लाम खतरे में है. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि यदि कोई कहता है कि मुसलमानों को भारत में नहीं रहना चाहिए तो वह हिंदू नहीं है. उन्होंने कहा कि देश की एकता के बिना विकास संभव नहीं है. एकता का आधार राष्ट्रवाद और पूर्वजों का गौरव होना चाहिए. हिंदू-मुस्लिम संघर्ष का एकमात्र समाधान संवाद है, न कि विसंवाद. संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता की बात भ्रामक है, क्योंकि वे अलग नहीं, बल्कि एक हैं.
संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले- हिंदू और मुस्लिम अलग नहीं, सभी भारतीयों का डीएनए एक है https://t.co/bkfecvXRWE
मोहन भागवत जी यह विचार क्या आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद/ बजरंग दल कार्यकर्ताओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा आप मोदीशाह जी व भाजपा मुख्यमंत्री को भी देंगे?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 5, 2021
हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं : आगे भागवत ने कहा कि हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं. यहां हिंदुओं या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता, यहां केवल भारतीयों का वर्चस्व हो सकता है. लोगों में इस आधार पर अंतर नहीं किया जा सकता कि उनका पूजा करने का तरीका क्या है संघ राष्ट्र को सशक्त बनाने और समाज में सभी लोगों के कल्याण के लिए कार्य करता है. भागवत ने ख्वाजा इफ्तकार अहमद की किताब ‘द मीटिंग ऑफ माइंड्स’ का विमोचन भी किया.
Posted By : Amitabh Kumar