पूर्णिया के बायसी व अमौर में मस्जिद, स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र नदी में विलीन हो गया. बायसी प्रखंड की ताड़ाबाड़ी पंचायत के चंकी गांव में पांच साल पूर्व बनी जामा मस्जिद कनकई नदी में विलीन हो गयी. ग्रामीण अफाक आलम ने बताया कि मस्जिद पांच साल पहले बनी थी. मस्जिद का रंग-रोगन, प्लास्टर आदि का काम बाकी था. उसी मस्जिद में गांव के लोग नमाज अदा करते थे.
इधर, अमौर की डहुआबाड़ी पंचायत के वार्ड नंबर 13 के वार्ड सदस्य मोहम्मद फायेक ने बताया कि रविवार की रात करीब 8:30 बजे रंगामाटी टोला प्राथमिक विद्यालय सहित आंगनबाड़ी केंद्र नदी की गोद में समा गया. वहीं कटिहार के प्राणपुर का प्राथमिक विद्यालय भवन भी नदी में समा गया. कटिहार में कई स्थानों पर महानंदा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
कोसी-सीमांचल में बाढ़ अब गांवों में प्रवेश करने लगा है. रविवार को सुपौल, सहरसा, अररिया, कटिहार आदि जिलों के कुछ नये प्रखंडों में बाढ़ ने दस्तक दे दी है. बाढ़ के कारण आवागमन ठप है. लोग पानी से घिर चुके हैं. अब केवल नाव एकमात्र सहारा रह गया है.
सुपौल के कई नये इलाकों में पानी पहुंच चुका है. नेपाल की तराई एवं जिले में लगातार कई दिनों तक हुई बारिश एवं कोसी बराज से पानी छोड़े जाने के बाद अब कोसी तटबंध के भीतर दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी फैलने लगा है. इससे लोगों की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही है. कई जगह पर पुल पुलिया ध्वस्त हो गया है. बौराहा पंचायत के मानिकपुर, वरियाली, सोनबरसा, बैंगा, खानपुर, सिमराहा, परसा, शिवपुरी पंचायत, बजरंगबली टोला, माधोपुर सहित दर्जनों गांवों में पानी घुस गया है.
नेपाल से बहकर आने वाली खारों व तिलयुगा नदी भारतीय प्रभाग में प्रवेश कर तांडव मचा रही है. कुनौली, कमलपुर और डगमारा में सैकड़ों एकड़ खेत में लगी धान की फसल क्षतिग्रस्त हो गयी है. इन नदियों का पानी भारतीय प्रभाग में लचका पुल, शांति वन आदि क्षेत्रों में फैल गया है. वीरपुर कौशकी भवन स्थित फ्लड कंट्रोल रूम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार नेपाल प्रभाग के कुशहा डिवीजन के पूर्वी एफलेक्स बांध में नदी के बहाव में तेजी आने के कारण स्पर संख्या 41, 42, 43, व 53, 54 पर नदी का दबाव बनता दिख रहा है. सिकरहट्टा-मझारी निम्न बांध के 2.40से 2,.0 तक तथा 08 आरडी के बीच स्टर्ड के यू भाग में नदी का बहाव तटबंध की ओर होता दिख रहा है.
अररिया के कुर्साकांटा से होकर बहने वाली नदियों में बकरा, मसना, भलुआ, लोहंदरा, बरजान, तेलनियां समेत अन्य छोटी छोटी नदियों के जलस्तर में अचानक इजाफा होने से आमजनों का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया. ग्राम पंचायत सौरगांव, रहटमीना, लक्ष्मीपुर, जागीर परासी, सिकटिया के दर्जनों वार्ड में बाढ़ का पानी घुस गया है. मदनपुर से पलासी प्रखंड को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर मोती उच्च विद्यालय मदनपुर के समीप सड़क पर दो से तीन फीट पानी बह रहा है. एबीएम सिकटी पथ पर मदनपुर बाजार के समीप भी दो फीट पानी बह रहा है. फारबिसगंज के पिपरा, कुसमाहा, कमता बलियाडी,सहवाजपुर, हंसकोसा आदि में परमान नदी का पानी लोगों के घरों में आफत बरपा रहा है.
कटिहार में कई स्थानों पर महानंदा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. शेखपुरा, मंझोक, जीतवारपुर, तैयबपुर, रिजवारपुर, रतनपुर, भैंसबंधा, सिकोरना, जाजा, कुजीबना, मुकुरीया, नाजीरपुर आदि गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. आजमनगर प्रखंड की चौहलर पंचायत के चांदपुर बैरिया गांव में बाढ़ का पानी फैलने से आवागमन बाधित हो गया है.
महानंदा तटबंध से गांव को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पूर्ण रूप से बाढ़ के पानी में विलीन हो चुकी है. कदवा, महानंदा एवं रिगा नदियों का जलस्तर पिछले 72 घंटे में हुए अप्रत्याशित वृद्धि से कदवा प्रखंड के धनगामा, मंझेली, बृन्दाबाड़ी, बलिहारपुर, तैयाबपुर, तेतालिया, सिकोड़ना, परलिया, सोझानाबाड़ी आदि गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.
Posted By: Thakur Shaktilochan