मैनपुरी(UP Zila Panchayat Adhyaksh Election Result) : समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का अभेद्य गढ़ समझे जाने वाले इस जिले में सपा के साइकिल की चेन अपने आप नहीं उतरी. यह तो कुछ साइकिल सवार ही थे जिनकी निष्ठा भाजपा के साथ हो गई थी वरना जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर सपा का ही नाम लिखा जाता. इस बार भाजपा की अर्चना भदौरिया ने सपा प्रत्याशी मनोज यादव को हराकर इतिहास रच दिया.
तस्वीर साफ थी. जिला पंचायत सदस्य चुनाव में सपा समर्थित 13 प्रत्याशी जीतकर आए थे इनके अलावा भाजपा के आठ, निर्दलीय आठ और कांग्रेस का एक प्रत्याशी जीता था. निर्दलीयों में अधिकांश सपा के बागी ही थे, जो टिकट न मिलने से नाराज होकर मैदान में उतरे थे. सपा को भरोसा था कि वह साथ देंगे और तीन दशक से चले आ रहे इतिहास को दोहराते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष बनाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
सत्तारूढ़ भाजपा के लिए भी जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हार-जीत से कहीं बढ़कर था. इस चुनाव के नतीजों पर कई कद्दावरों का भविष्य तय होना था. उन्होंने पूरी ताकत झोंक दी. परिणाम आया तो तीन दशकों का इतिहास बदल गया. जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर भाजपा की अर्चना भदौरिया काबिज हो गईं.
कहने को तो निर्दलीय और कुछ सपा समर्थित सदस्यों के सहारे भाजपा अपनी जीत दिखा रही है, लेकिन हकीकत में निर्दलीय प्रत्याशी भी सपा के ही लोग हैं. कुछ मजबूरी में साइकिल से उतरे तो कुछ ने दूसरे साइकिल सवारों को गिराने के लिए उनके आगे अपनी साइकिल अड़ा दी.
सपा के कई बागियों ने न केवल भाजपा को समर्थन दिया, बल्कि खुलकर भी उनके पक्ष में सामने भी आए. मतदान के लिए भाजपा और सपा के सदस्य अपने नेताओं के साथ अलग-अलग गेटों से कलेक्ट्रेट में दाखिल हुए. कई सपा समर्थित सदस्य भाजपा नेताओं के साथ मतदान के लिए पहुंचे. उन्होंने लौटते वक्त भी नेताओं को जीत के प्रति आश्वस्त किया.
….वरना संध्या होतीं अध्यक्ष : जिला पंचायत चुनाव ने सैफई परिवार में दरार डाल दी. निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की भतीजी संध्या यादव हैं. इस बार उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था. भाजपा से संध्या यादव ने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा, लेकिन वह हार गईं. वरना अर्चना की जगह संध्या यादव ही अध्यक्ष प्रत्याशी होतीं.
Posted By : Amitabh KUMAR