अनुपम कुमार, पटना: फुलवारी जेल के पास बन रहे परिवहन कांप्लेक्स में टेस्टिंग ट्रैक बन कर लगभग तैयार हो गया है. अब इसमें डिजिटल सेंसर और ऑटोमैटिक कैमरा लगाने का काम चल रहा है. इस महीने के अंत तक यह पूरा हो जायेगा और इसी के साथ लगभग तीन महीने से बंद ड्राइविंग टेस्ट फिर से शुरू हो जायेगा. हलांकि पहले से इसके तौर तरीके पूरी तरह बदले बदले होंगे क्योंकि पहले यह परिवहन निगम के फुलवारी डिपो परिसर के एक छोटे हिस्से में परंपरागत ढंग से होता था जबकि अब पूरी तरह डिजिटल अत्याधुनिक ट्रैक पर होगा.
नये टेस्टिंग ट्रैक पर ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए आइटीडीआर के वाहनों का इस्तेमाल होगा जिसमें ऐसे सेंसर लगे होंगे जो सर्वर को गाड़ी के हर क्षण के मोमेंट की सूचना देंगे. इसके सहारे कंप्यूटर पर बैठा व्यक्ति इसके आवागमन पर पूरी नजर रख सकेगा और चालक के ड्राइविंग स्किल का पूरा आकलन कर पायेगा. यदि व्यक्ति खुद अपने वाहन से ड्राइविंग टेस्ट देना चाहे तो उसके गाड़ी पर भी कैमरा और सेंसर लगाने की व्यवस्था की जायेगी.
ड्राइविंग टेस्ट देने वाले को पहले आठ की आकृति बनानी पड़ेगी. इस दौरान गाड़ी ट्रैक पर सटी या नहीं, इसे सेंसर की मदद से न केवल चिह्नित किया जा सकता है बल्कि साक्ष्य के स्वरुप में इनकी रिकॉर्डिंग भी रखी जा सकती है. फिर टेस्ट देने वाले चालक को लौटते समय एस बनाना पड़ेगा. इस दौरान ट्रैक पर जगह जगह कुछ ट्रैफिक सिग्नल भी लगे होंगे. यदि उनके अनुरूप रूकने या घूमने का काम वाहन चालक ने नहीें किया तो फिर उसे टेस्ट में सफल नहीं माना जायेगा.
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लॉकडाउन के कारण डीटीओ में कंप्यूटर पर होने वाला लर्निंग टेस्ट बंद हो गया था जिसे फिर पिछले दिनों शुरू कर दिया गया है. हालांकि लर्निंग टेस्ट देने वालों की संख्या पहले की तुलना में कम है.
Posted By: Thakur Shaktilochan