कोलकाताः पश्चिम बंगाल विधानसभा में पूरा जी-जान लगाने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के सामने मुंह की खानी पड़ी. इस हार से उबरकर भाजपा अब लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में जुट गयी है. बंगाल भाजपा के नेताओं को संसदीय चुनाव में जीत के लिए सात सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जायेगा.
सात दिवसीय इस प्रशिक्षण शिविर के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने सात मुद्दे तय किये हैं. प्रदेश भाजपा के नेता इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सात मंत्र मान रहे हैं. विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 200 सीटें जीतने का दावा किया था, लेकिन वह 100 के करीब भी नहीं पहुंच पायी. हालांकि, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भगवा दल ने 42 में से 18 सीटें जीतीं थीं.
प्रशिक्षण शिविर के प्रथम चरण में पिरामिड पद्धति के आधार पर ट्रेनिंग होगी. सप्ताह में एक दिन, एक केंद्रीय नेता राज्य नेतृत्व को प्रशिक्षित करेगा. यह वर्चुअल ट्रेनिंग लगातार सात सप्ताह तक हर रविवार को होगी. डेढ़ घंटे की क्लास में प्रदेश के सभी नेता, सांसद और जिलाध्यक्ष शामिल होंगे.
प्रदेश के नेताओं में से एक, अगले बुधवार को जिला पदाधिकारियों, विधायकों और मंडल अध्यक्षों को प्रशिक्षण देगा. जिले के नेता अगले शनिवार को इस विषय पर अंचल पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देंगे. सात सप्ताह में सात विषयों पर प्रशिक्षण अगस्त में समाप्त होगा. भाजपा नेतृत्व पहले ही एक मुद्दे पर सभी स्तरों पर पहुंच चुका है.
केंद्र में तय किये गये मुद्दों में नरेंद्र मोदी सरकार की कृषि नीति को सबसे ज्यादा महत्व दिया गया है. विषय को नाम दिया गया है- कृषि में सुधार और सफलता. लेकिन, पहले सप्ताह का विषय सात साल की मोदी सरकार की सफलता है. इसके भी दो भाग हैं-मौलिक सफलता और बौद्धिक सफलता.
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इसके अलावा, प्रशिक्षण के विषयों में राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, आत्मनिर्भर भारत, केंद्रीय गरीब कल्याण परियोजना शामिल हैं. सातवां मुद्दा है पार्टी के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन और विचार.
भगवा शिविर के सूत्रों के अनुसार, न केवल बंगाल में, बल्कि पूरे देश में मोदी सरकार की सफलता पर प्रकाश डाला जा रहा है और आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो रही है. इसके लिए भाजपा ने सभी स्तरों पर पार्टी नेताओं को प्रशिक्षित करने की पहल की है. सात सप्ताह के कोर्स के अंत में टीम जनता के बीच जायेगी. लोगों के बीच मोदी सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाते हुए उन्हें फिर से भाजपा के साथ जोड़ने की मुहिम चलायी जायेगी.
यहां बताना प्रासंंगिक होगा कि उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं. पश्चिम बंगाल में नगरपालिका और पंचायत के चुनाव हैं. ऐसे में भाजपा की नजर वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव पर है. इसके लिए सभी स्तरों पर भाजपा के नेता व कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है. इसमें प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष से लेकर मंडल (नगर) स्तर के नेताओं को प्रशिक्षण लेना होगा.
Posted By: Mithilesh Jha