पानागढ़ः शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय में एमफिल और पीएचडी की फीस बढ़ा दी गयी है. इसके विरोध में शनिवार को स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने विरोध प्रदर्शन किया. एसएफआई समर्थित छात्र संगठन ने फीस वृद्धि के खिलाफ विश्वविद्यालय के केंद्रीय कार्यालय के सामने धरना दिया.
इस दौरान जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया. इससे पहले, 30 जून को भी एसएफआई के छात्रों ने केंद्रीय कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया था. उस दिन पोस्टर लगाने को लेकर सुरक्षा गार्डों से छात्र-छात्राओं का झगड़ा भी हो गया था. विश्वभारती में फीस वृद्धि को लेकर छात्र पहले भी एक से अधिक बार विरोध कर चुके हैं.
कुलपति डॉ विद्युत चक्रवर्ती के खिलाफ भी आंदोलन हो चुका है. इस बार फिर से विश्व भारती के एसएफआई के सदस्य और समर्थक कोर्स फीस में बढ़ोतरी का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने शिकायत की कि कोरोना में लोग आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं और मैनेजमेंट ने कोर्स की फीस कई गुणा बढ़ा दी है.
एमफिल और पीएचडी कोर्स की फीस 50 रुपये से बढ़ाकर 1,400 रुपये कर दी गयी है. हालांकि, बाद में इसमें 300 रुपये की कटौती करके 1100 रुपये कर दिया गया. विरोध-प्रदर्शन कर रहे छात्र यही पूछ रहे हैं कि एक बार में अचानक इतनी फीस क्यों बढ़ायी गयी? एसएफआई के समर्थकों ने विरोध में नारे लगाते हुए केंद्रीय कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया.
विश्व भारती सूत्रों के अनुसार, कोरोना की स्थिति को देखते हुए वर्ष 2020 में केवल 50 रुपये लिये गये थे. इसलिए इस बार 1400 रुपये लेना सही नहीं है. लेकिन, जैसे ही छात्रों ने अधिकारियों के पास आवेदन किया, राशि को घटाकर 1,100 रुपये कर दिया गया. छात्रों की मांग है कि इस बार भी 50 रुपये ही लिया जाये. विश्व भारती के प्रवक्ता अनिर्बान सरकार ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
Posted By: Mithilesh Jha