कोलकाताः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने वाले एक कद्दावर नेता को बंगाल प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने निर्लज्ज कह दिया है. दिलीप घोष ने कृष्णनगर-उत्तर से भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गये मुकुल रॉय के लिए यह टिप्पणी की.
श्री घोष ने कहा कि विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन मुकुल रॉय ‘निर्लज्ज’ की तरह विपक्ष की बेंच पर जाकर बैठ गये. कुछ दिन पहले ही वह खुलेआम तृणमूल में शामिल हो गये थे. दिलीप घोष ने कहा कि जब विपक्ष ने कक्ष का त्याग किया, तब भी मुकुल रॉय अपनी सीट पर बैठे रहे. वह असल में ‘त्रिशंकु’ बन गये हैं.
अपर प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में अंक सहित मेधा सूची घोषित करने के कोर्ट के निर्देश का श्री घोष ने स्वागत किया. मामले में तृणमूल नेताओं पर अभ्यर्थियों से पैसे लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि जितने पद हैं, उससे अधिक अभ्यर्थियों से पैसे लिये गये हैं. पैसे लेने वाले नेताओं को खोज निकालना होगा.
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श्री घोष ने कहा कि तृणमूल तस्वीरों के जरिये राज्यपाल की छवि धूमिल करने में लगी है. मैं पूछना चाहता हूं कि क्या मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की, जिन्हें कैमरे के सामने पैसे लेते हुए जनता ने देखा?
विधानसभा में साथी विधायकों के हंगामे पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राज्यपाल से राज्य सरकार ने ऐसा भाषण पढ़वाया, जिसमें चुनाव बाद हिंसा का उल्लेख नहीं था. भाजपा ने इस पर आपत्ति जतायी है.
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बंगाल विधानसभा में शुक्रवार को राज्यपाल के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की शुरुआत हुई. इस सत्र में मुकुल रॉय की सीट को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगायी जा रहीं थी. आखिरकार विधायक पद बचाने के लिए तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक मुकुल के लिए विरोधी पार्टी के विधायकों के पास ही उन्हें सीट आवंटित की गयी.
जानकारों का कहना है कि मुकुल रॉय को दल-बदल कानून से बचाने के लिए ही सत्तारूढ़ पार्टी ने यह व्यवस्था की है. वहीं, विधानसभा में विपक्षी दल के विधायकों के लिए आवंटित सीट में पहली लाइन में मुकुल को सीट दी गयी है. उनके पास भाजपा के मुख्य सचेतक मनोज तिग्गा व मिहिर गोस्वामी की सीट है.
Posted By: Mithilesh Jha