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Bihar Flood News: कटाव के कारण कटिहार में सरकारी स्कूल के अस्तित्व पर खतरा, कभी भी हो सकता है ध्वस्त

कटिहार में अमदाबाद प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय झब्बुटोला गंगा नदी के जद में खड़ी है. पिछले एक दशक में आधा दर्जन विद्यालय गंगा व महानंदा नदी की भेंट चढ़ गयी है. प्रखंड के पूरब व उत्तर दिशा से महानंदा नदी तो दूसरी तरफ पश्चिम एवं दक्षिण दिशा से गंगा नदी का बहाव होता है. गंगा व महानंदा नदी के तांडव से यहां के लोग हलकान है. पिछले एक दशक के बीच करीब आधा दर्जन विद्यालय कटकर गंगा नदी एवं महानंदा नदी के गर्भ में समा चुकी है.

कटिहार में अमदाबाद प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय झब्बुटोला गंगा नदी के जद में खड़ी है. पिछले एक दशक में आधा दर्जन विद्यालय गंगा व महानंदा नदी की भेंट चढ़ गयी है. प्रखंड के पूरब व उत्तर दिशा से महानंदा नदी तो दूसरी तरफ पश्चिम एवं दक्षिण दिशा से गंगा नदी का बहाव होता है. गंगा व महानंदा नदी के तांडव से यहां के लोग हलकान है. पिछले एक दशक के बीच करीब आधा दर्जन विद्यालय कटकर गंगा नदी एवं महानंदा नदी के गर्भ में समा चुकी है.

कभी भी गंगा नदी के गर्भ में समाने का खतरा 

बता दें कि वर्तमान समय में उत्क्रमित मध्य विद्यालय झब्बू टोला गंगा नदी के गोद में खड़ी है. यह विद्यालय कभी भी गंगा नदी के गर्भ में समा सकती हैं. पिछले दो वर्ष पूर्व भीषण कटाव हो रहा था. जिस वजह से उत्क्रमित मध्य विद्यालय झब्बू टोला को खाली करा दिया गया था. इसके बाद वर्ष 2020 में एंटीरोजन का कार्य कराया गया है. जहां विद्यालय के समीप पिछले वर्ष से कटाव रूकी हुई है. हालांकि इस वर्ष भी उस स्थान पर कटाव नहीं हो रहा है. फिर भी यह विद्यालय गंगा नदी के जद में है. कभी भी विद्यालय गंगा में समा सकता है.

 प्रत्येक वर्ष दर्जनों परिवार होते हैंं विस्थापित 

प्रखंड में गंगा एवं महानंदा नदी से प्रत्येक वर्ष भीषण कटाव होता है. जिसके चपेट में आकर दर्जनों परिवार विस्थापित हो जाते हैं. साथ ही आधा दर्जन विद्यालय भी विस्थापित हो गयी है. विस्थापित विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य गर्त में जाता दिख रहा है. यहां के लोगों की माने तो गंगा व महानंदा नदी की भीषण कटाव से प्रखंड के लोग कराह रहे हैं.

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कृषि योग्य सैकड़ों एकड़ भूमि भी नदी में विलीन

जहां लोगों का घर द्वार कटकर नदियों में समा रही है. वहीं कृषि योग्य सैकड़ों एकड़ भूमि भी कट कर नदी में विलीन हो रहा है. दूसरी तरफ शिक्षा के मंदिर भी कट कर नदी के गर्भ में समा रही है. जिस वजह से यहां के विस्थापित विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे का भविष्य अंधकार में जाता दिख रहा है. वर्तमान समय में उत्क्रमित मध्य विद्यालय झब्बू टोला गंगा नदी के जद में खड़ी है. इस विद्यालय का सभी विद्यालय से जुड़े सरकारी कार्य उसी विद्यालय से हो रहा है.

गंगा एवं महानंदा नदी के गर्भ में समा चुके कई स्कूल 

गंगा व महानंदा नदी के कटाव से मध्य विद्यालय नवरसिया, उत्क्रमित मध्य विद्यालय धन्नी टोला, उत्क्रमित मध्य विद्यालय खट्टी टोला, प्राथमिक विद्यालय खट्टी किशनपुर, प्राथमिक विद्यालय खट्टी पार दियारा, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बंकू टोला आदि विद्यालय कटकर गंगा एवं महानंदा नदी के गर्भ में समा चुकी है.

आधा दर्जन विद्यालय कटाव से गंगा, महानंदा में समा चुके :

गंगा व महानंदा नदी के कटाव से मध्य विद्यालय नवरसिया, उत्क्रमित मध्य विद्यालय धन्नी टोला, उत्क्रमित मध्य विद्यालय खट्टी टोला, प्राथमिक विद्यालय खट्टी किशनपुर, प्राथमिक विद्यालय खट्टी पार दियारा, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बंकू टोला आदि विद्यालय कटकर गंगा एवं महानंदा नदी के गर्भ में समा चुकी है.

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