नयी दिल्ली : जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) ने दावा किया है कि उसके सिंगल-शॉट COVID-19 वैक्सीन (Corona Vaccine) ने कोरोनावायरस के डेल्टा (Coronavirus Delta Variant) और अन्य अत्यधिक प्रचलित वेरिएंट के खिलाफ मजबूत प्रतिरोध उत्पन्न किया है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक कंपनी का कहना है कि कोरोना के सभी नये वेरिएंट पर इसके टीके का एक डोज ही करीब 8 महीनें तक रोग प्रतिरोधक पैदा करता है, जो वायरस से लगातार लड़ सकता है.
यूएस-आधारित हेल्थकेयर कंपनी ने कहा कि एक डेटा से पता चला है कि प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की अवधि कम से कम आठ महीने तक चली. यह कहते हुए कि इसका टीका 85 फीसदी प्रभावी था और अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु को रोकने में भी मदद कर सकता है. कई और भी वैक्सीन निर्माता हैं जो दावा करते हैं कि उनके वैक्सीन का एक डोज भी कोरोनावायरस पर काफी प्रभावी है.
जॉनसन एंड जॉनसन के ड्रग्स व्यवसाय में अनुसंधान और विकास के प्रमुख मथाई मैमन ने बयान में कहा कि अब तक अध्ययन किये गये आठ महीनों के मौजूदा आंकड़ों से पता चलता है कि सिंगल-शॉट जॉनसन एंड जॉनसन COVID-19 वैक्सीन एक मजबूत न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी प्रतिक्रिया उत्पन्न करता है जो बाद में कम नहीं होता है. बल्कि, हम समय के साथ इसमें सुधार देखते हैं.
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हालांकि विशेषज्ञों ने अभी सिंगल डोज वाले वैक्सीन पर उतना भरोसा नहीं दिखाया है. कई वैज्ञानिकों का कहना है कि वैक्सीन का दूसरा डोज बूस्टर डोज की तरह काम करता है. दूसरा डोज लगवाने के बाद ज्यादा समय तक एंटीबॉडी बनता है जो कोरोना के गंभीर परिणामों से बचाता है. कई देशों में दो अलग-अलग वैक्सीन भी लगवाये जा रहे हैं. खुद जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने भी ऐसा ही किया है.
भारत सरकार ने बताया कि देश में 1 जुलाई तक 35 करोड़ से अधिक वैक्सीन के डोज लगाये गये हैं. को-विन डैशबोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि 18-44 उम्र समूह में 9.61 करोड़ खुराकें दी गयी हैं. इसमें 21,80,915 लोगों को पहली डोज जबकि 84,107 को दूसरी डोज दी गयी है. मंत्रालय ने कहा कि आठ राज्यों- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, बिहार, गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र ने 18-44 आयु वर्ग के 50 लाख से अधिक लोगों को टीके की पहली खुराक दी है.
Posted By: Amlesh Nandan.