पटना/फतुहा. मुंगेर के गन फैक्टरी के कारीगर पटना में 7.65 एमएम की पिस्टल बना रहे थे. इसका खुलासा उस समय हुआ जब एसटीएफ ने पटना के फतुहा पुलिस अनुमंडल के नदी थाना के गुलमहियाचक गांव में छापेमारी की और अवैध रूप से चल रही गन फैक्टरी का पर्दाफाश कर दिया. इसमें सात लोगों को एसटीएफ की टीम ने पकड़ा. जिसमें से पांच मुंगेर के रहने वाले हैं और दो पटना के हैं.
गन फैक्टरी से एसटीएफ ने 7.65 एमएम की 20 पीस सेमी फिनिशिंग पिस्टल, एक लेथ कटर मशीन, एक ड्रीलिंग मशीन और एक ग्रैंडर मशीन बरामद किया है. पकड़े गये लोगों में मुंगेर जिला के कासिम बाजार के मो. शबीर, सुतरूखाना के अंकित कुमार उर्फ चरण चौधरी, बेतवां बजार के पक्की गली का मो. कासिम, हजरतगगंज का असगर और मो. युसूफ, भागलपुर जिला के जगतपुर का रवि कुमार व पटना जिला के सबलपुर का रंधीर कुमार शामिल है. ग्रामीण एसपी कांतेश मिश्रा के अनुसार गिरफ्तार सभी से पूछताछ चल रही है. इस बात की जानकारी ली जा रही है कि इन हथियारों की सप्लाइ किसे की जाती थी.
इस गन फैक्टरी के पकड़े जाने के बाद यह आशंका जतायी जा रही है कि ये लोग आने वाले पंचायत चुनाव के लिए हथियारों की खेप तैयार कर रहे थे, क्योंकि पंचायत चुनाव में हथियारों की डिमांड बढ़ सकती है. एसटीएफ ने पकड़े गये सातों लोगों को पटना पुलिस के हवाले कर दिया है.
पकड़े गये सात में से पांच लोग मुंगेर गन फैक्टरी में कारीगर थे. गन फैक्टरी से निकलने के बाद मुंगेर जिला में ही अवैध रूप से हथियारों का निर्माण करते थे. लेकिन वहां पुलिस ने जब हथियार निर्माण करने वालों की खोजबीन कर पकड़ने के लिए दबिश दी तो पांचों वहां से पटना आ गये.
इस दौरान वे लोग सबलपुर के रंधीर के संपर्क में आये और गुलमहियाचक में अवैध रूप से गन फैक्टरी को शुरू कर दिया. खास बात यह है कि ये लोग 7.65 एमएम की पिस्टल का निर्माण करते थे. यह पिस्टल अपराधियों के बीच काफी लोकप्रिय है.
सूत्रों का यह भी कहना है कि मुंगेर के गन फैक्टरी के कारीगरों की डिमांड पूरे देश में है. इन्हें कुछ समय के लिए अपने जगह पर बुलाया जाता है और उन्हें हथियार बनाने के लिए सारे सामान उपलब्ध करा दिया जाता है. इसके बाद मनमुताबिक हथियार बनाने के बाद इनका मेहनताना देकर विदा कर दिया जाता है. यूपी के प्रतापगढ़ इलाके में वहां की पुलिस ने अवैध हथियार बनाने के फैक्टरी का पर्दाफाश किया था और जिन लोगों को पकड़ा था, वे सभी मुंगेर के थे.
सूत्रों के अनुसार यह गन फैक्टरी करीब एक साल से उस जगह पर चल रही थी. इस गन फैक्टरी से बिहार के तमाम अपराधी गिरोहों को हथियार की सप्लाइ होती थी. इसके साथ ही पटना जिले के तमाम अपराधी गिरोहों को हथियार दिया जाता था. जानकारी के अनुसार, एक पिस्टल की कीमत 30 से 35 हजार रुपये थी. संभावना यह भी जतायी जा रही है कि यहां से नक्सलियों को भी हथियार की सप्लाइ की जाती थी.
Posted by Ashish Jha