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सरकारी स्कूलों के 10वीं व 12वीं के बच्चों को स्मार्ट फोन देने की तैयारी में हेमंत सरकार, स्कूली शिक्षा विभाग ने भेजा प्रस्ताव

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इसे लेकर प्रस्ताव तैयार किया है. प्रस्ताव अब वित्त विभाग को भेजा जायेगा. वहां से सहमति मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. प्रस्ताव के अनुसार, सरकारी हाइस्कूल व प्लस टू स्कूल के साथ-साथ मान्यता प्राप्त स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों को भी मोबाइल फोन दिया जा सकता है. प्रस्ताव में मोबाइल वितरण पर होनेवाले अनुमानित खर्च का भी आकलन किया गया है. राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चों के 46 फीसदी अभिभावकों के पास ही स्मार्ट फोन है. असर संस्था द्वारा पिछले वर्ष बच्चों के पठन-पाठन को लेकर तैयार की गयी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है.

  • शैक्षणिक सत्र 2021-22 के 3.70 लाख विद्यार्थी होंगे लाभान्वित

  • डेढ़ साल से विद्यालय बंद, मोबाइल के अभाव में ऑनलाइन क्लास नहीं कर पाते बच्चे

  • स्कूलों में नामांकित 42 लाख बच्चों में से 13 लाख तक ही पहुंच रहा लर्निंग मेटेरियल

  • स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने तैयार किया प्रस्ताव, वित्त विभाग को भेजा जायेगा

Jharkhand Govt Smartphone Scheme रांची : कोरोना के कारण राज्य में 17 मार्च 2020 से विद्यालय बंद है. शिक्षा विभाग की ओर से इस दौरान विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं. हालांकि, सरकारी स्कूल के ज्यादातर विद्यार्थियों के पास स्मार्ट फोन नहीं होने के कारण स्कूलों में नामांकित (क्लास एक से लेकर 12वीं तक) लगभग 42 लाख बच्चों में से सिर्फ 13 लाख तक ही ऑनलाइन लर्निंग मेटेरियल पहुंच रहा है. 10वीं व 12वीं (सत्र 2021-22) के 3 लाख 70 हजार विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित नहीं हो, इसके लिए राज्य सरकार ने मोबाइल फोन (स्मार्ट फोन) देने की तैयारी की है.

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इसे लेकर प्रस्ताव तैयार किया है. प्रस्ताव अब वित्त विभाग को भेजा जायेगा. वहां से सहमति मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. प्रस्ताव के अनुसार, सरकारी हाइस्कूल व प्लस टू स्कूल के साथ-साथ मान्यता प्राप्त स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों को भी मोबाइल फोन दिया जा सकता है. प्रस्ताव में मोबाइल वितरण पर होनेवाले अनुमानित खर्च का भी आकलन किया गया है. राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चों के 46 फीसदी अभिभावकों के पास ही स्मार्ट फोन है. असर संस्था द्वारा पिछले वर्ष बच्चों के पठन-पाठन को लेकर तैयार की गयी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है.

किसी भी जिले के आधे बच्चे नहीं करते क्लास

ऑनलाइन क्लास को लेकर झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक पूर्वी सिंहभूम जिला के 40 फीसदी बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से जुड़े हैं. राज्य में कोई भी जिला ऐसा नहीं है, जहां के 50 फीसदी बच्चे ऑनलाइन क्लास करते हों. राज्य के 10 जिलों के 70 फीसदी बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित हैं.

Posted By : Sameer Oraon

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