Jharkhand Weather Update News (जगरनाथ पासवान, गुमला) : झारखंड के गुमला जिले में मानसून रुठ गया है. एक सप्ताह से बारिश नहीं हो रही है. बारिश नहीं होने से किसान चिंतित हैं. सबसे ज्यादा चिंता छींटा विधि से धान की खेती कर चुके एवं धान का बिचड़ा लगाने वाले किसान हैं. बारिश नहीं होने के कारण धान के फसल एवं बिचड़ा पर असर पड़ रहा है. फसल एवं बिचड़ा को जिंदा रखने के लिए किसान कुआं, डोभा, तालाब व नदी के पानी का सहारा ले रहे हैं.
बता दें कि मानसून आगमन के पहले से जिले में रोजाना वर्षा हो रही थी. जिससे किसान काफी खुश थे. अच्छी वर्षा होने के कारण किसानों ने खेती-बारी का काम शुरू कर दिया. कई किसानों ने छींटा विधि से धान की खेती की. जिले में 8000 हेक्टेयर से भी अधिक भूमि पर धान की खेती हो चुकी है. वहीं, कई किसानों ने रोपा विधि से धान की खेती करने के लिए बिचड़ा तैयार करने में लगे हुए हैं.
इधर, 23 जून तक अच्छी बारिश हुई. 24 जून को जिले के 12 प्रखंडों में से सिर्फ रायडीह प्रखंड क्षेत्र में 6.4 मिमी एवं जारी प्रखंड क्षेत्र में 21.2 मिमी बारिश हुई. इसके बाद 25 जून से जिले में बारिश ही नहीं हुई है. जिसका सीधा असर खेती-बारी पर पड़ रहा है. वहीं वर्षा नहीं होने के कारण कई किसान खेती-बारी को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं.
सदर प्रखंड गुमला के किसान एतवा उरांव, सुखराम उरांव, बुधवा उरांव, महली भगत, घुरन साहू आदि किसानों ने बताया कि खेती-बारी का काम शुरू कर दिये हैं. खेत को एक बार फिर से जोतना है. परंतु इधर, विगत एक सप्ताह से बारिश नहीं हुई है. यदि यही स्थिति रही तो कुआं, तालाब से खेत में पानी डालकर खेत का जुताई करना पड़ेगा.
पालकोट प्रखंड के बंगरू पंचायत के केउंदटोली गांव के किसान गदुंर भगत ने अपने खेत में 6 किग्रा धान का बीज बोया है. लेकिन, पानी नहीं आने से धान का बीज सूखने के कगार पर है. वहीं, बुधू उरांव 7 किग्रा, बालमुकुंद उरांव 12 किग्रा, माकी उरांव 14 किग्रा व चारो उरांव ने 30 किग्रा धान का बीज अपने डांड़ में बोया है. इन किसानों का कहना है कि अगर पानी नहीं आया तो कुआं से पानी भरकर धान के बीज को पटायेंगे. सभी किसान अपने अपने डांड़ में 8 से 10 दिन पहले धान का बीज बोया है.
बसिया प्रखंड में विगत सात-आठ दिनों से वर्षा नहीं होने के कारण खेतो में लगाये गये धान का पौधा मरने के कगार पर है. किसान तालाब, नदी व कुआं के सहारे बिचड़ा को बचा रहे हैं. निनई निवासी किसान फूलचंद यादव ने बताया कि वह 32 किग्रा एवं कुलूसेरा निवासी घूरन साहू ने बताया कि 50 किलो धान का बीज डाले हैं. पौधा निकल आया है. लेकिन, बारिश नहीं हो रही है. जिस कारण कुआं से पानी पटवन कर रहे हैं.
Also Read: गुमला के पालकोट में मुर्गी शेड बनाने में भी घोटाला, शेड बना नहीं, 55 लाख रु की हो गयी निकासीडुमरी के टांगरडीह ग्राम के किसान विजय भगत ने बताया कि पानी इस बार अच्छा समय में गिरा है. धान बिचड़ा लगाया हुआ 15 दिन हो गया है. परंतु इधर, एक सप्ताह से बारिश नहीं हुई है. जिससे खेत व बिचड़ा सुखने लगा है. बिचड़ा को बचाने के लिए कुआं में मशीन लगा कर पानी पटवन कर रहे हैं. कुआं गड्ढा में है और कुआं से लगभग चार-पांच सौ फीट लंबा पाईप जोड़ कर पटवन कर रहे हैं.
सिसई के विगत आठ दिनों से वर्षा नहीं होने से किसानों को अपना बिचड़ा बचाने की चिंता सता रही है. गणेश लोहरा, विश्वनाथ साहू, नागेश्वर यादव ने कहा कि शुरूआती दौर में जमकर बारिश होने से किसान बीजो को खेत मे लगा चुके हैं. बिचड़ा रोपाई योग्य हो गया है. परंतु वर्षा नहीं होने के कारण खेत सूखने लगा है. वहीं कई किसानों का बिचड़ा पानी की कमी के कारण ठीक से अंकुरित भी नहीं हो रहा है. बिचड़ों को जिंदा रखने के लिए सुबह शाम पटवन किया जा रहा है. जिससे बिचड़ा खराब होने का डर है.
चैनपुर के प्रखंड के बेंदौरा पंचायत अंतर्गत केपुर ग्राम में खेत में दरार पड़ने लगी है. ग्राम के किसानों में उदासी है. ग्राम के किसान बुधराम नायक के खेत में दरार पड़ चुकी है. जिससे किसान काफी उदास है. किसान बुधराम नायक ने बताया कि शुरूआती समय में अच्छी वर्षा होने से काफी खुश थे. परंतु इधर, एक सप्ताह से बारिश नहीं हुई है. जिससे खेत में दरारें पड़ी हुई है. खेत में धान का पौधा एक से डेढ़ सेंटीमीटर बड़ा हो गया है. लेकिन, पानी के अभाव में पौधा सूख रहा है.
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