नई दिल्ली : जबसे देश में 18 से 44 साल उम्र वर्ग के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया, तभी से लोगों के बीच भ्रम, जिज्ञासा और अफवाहें घर कर गई थीं. भ्रम और अफवाहें यह थीं कि गर्भवती महिलाओं को कोरोना का टीका लेने से वे बांझपन का शिकार हो जाती हैं. वहीं, युवाओं के मन में आशंका है कि उनकी फर्टिलिटी पर इसका उल्टा असर पड़ता है. इन्हीं आशंकाओं, भ्रम और अफवाहों को लेकर हमने दिल्ली स्थित लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के गाइनोकोलॉजी डिपार्टमेंट की हेड डॉ मंजू पुरी से बातचीत की है. जानिए, वह क्या कहती हैं…
वैक्सीन को शरीर में संक्रमण के कारक वायरस के खिलाफ इम्युनिटी विकसित करने के लिए बनाया गया है. इसका अन्य किसी भी हार्मोन पर उल्टा प्रभाव नहीं पड़ता. महिलाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टोरेन को गर्भधारण के लिए कारक माना जाता है. वहीं, पुरुषों में हार्मोन टेस्टोरेन फर्टिलिटी का निर्धारण करता है. कोरोना रोधी किसी भी टीके से हार्मोन पर उल्टा असर नहीं पड़ता. इसलिए वैक्सीन लेने के बाद संतानहीनता या फर्टिलिटी कम होने की संभावना करीब-करीब न के बराबर है. सभी वैक्सीनों के तमाम प्रभाव और कुप्रभाव की जांच सबसे पहले जानवरों पर की जाती है. कोरोना टीकों का मनुष्यों पर इस्तेमाल करने के पहले जानवरों पर जांचा-परखा गया है.
कुछ कांट्रेसेप्टिव या गर्भनिरोधक विकल्पों में स्टेरॉयड होता है. अधिकांश कपल्स में यह आशंका है कि यदि वह परिवार नियोजन के लिए गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उन्हें कोरोना का टीका नहीं लगवाना चाहिए. कुछ देशों में वैक्सीन लेने के बाद थांब्रोसाइसिस (खून का थक्का जमने) बनने के मामले सामने आए हैं, जिसका संबंध वैक्सीन के बाद शरीर में होने वाले इम्यून इंड्यूस्ड (प्रतिरक्षा प्रेरित) से लगाया जाता है, लेकिन भारत के लोगों में खून का थक्का जमने के मामले कम हैं. इसलिए वैक्सीन परिवार नियोजन के साथ भी लगवाई जा सकती है.
ज्यादातर लोग मानते हैं कि पीरियड्स के तीन-चार दिनों के अंदर महिलाओं को वैक्सीन नहीं लगवाना चाहिए. इस समय महिलाओं के शरीर में कुछ तरह के हार्मोनल्स बदलाव होते हैं, लेकिन पीरियड्स के दौरान भी वैक्सीन लगवाई जा सकती है. हार्मोन संबंधी बदलाव को वैक्सीन प्रभावित नहीं करती है. महिलाएं किसी भी स्थिति में वैक्सीन लगवा सकती हैं. वैक्सीन लगवाने वाले दिन खाना खाकर जाएं और पानी साथ लेकर जाएं.
भारत में लांच की गई कोरोना की किसी भी वैक्सीन का गर्भवती महिलाओं पर टेस्ट नहीं किया गया है. इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस बात के लिए आश्वस्त नहीं हैं कि वैक्सीन गर्भवती महिलाओं या गर्भस्थ शिशु को किस प्रकार प्रभावित करेगी, लेकिन स्तनपान कराने वाली महिलाएं वैक्सीन ले सकती हैं. इससे उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं है. यदि वैक्सीन लगने के बाद हल्का बुखार हो, तो उस स्थिति में शिशु को स्तनपान न कराएं.
ऐसी किसी भी स्थिति में वैक्सीन का दुष्प्रभाव होगा, ऐसा फिलहाल नहीं देखा गया है. एहतियात के तौर पर कहा जाता है कि यदि पूर्व में कोई खून पतला करने वाली दवाओं का सेवन कर रहा है, तो वैक्सीन लेने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करें. पीसीओडी या यूटीआई में वैक्सीन का दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है.
जी बिल्कुल ले सकती हैं. जैसा कि मैंने आपको पहले भी बताया कि वैक्सीन केवल संक्रमण के कारक वायरस के प्रति शरीर में इम्युनिटी विकसित करती है. इसका हार्मोन्स या व्यक्ति के डीएनए पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ता है. इसलिए थॉयरॉयड की दवाओं का सेवन करने के दौरान भी वैक्सीन ली जा सकती है.
Posted by : Vishwat Sen
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.