एक तरफ राज्य सरकार सुदूरवर्ती क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधा बेहतर होने की दावा कर रही है. वहीं प्रखंड के तीन उप स्वास्थ्य केंद्र मेदवाडीह, सिकीदाग व बनियाडीह में एक भी चिकित्सक नहीं हैं. जिसके कारण 22 हजार से अधिक आबादी स्वास्थ्य सुविधा से वंचित हो रहे हैं. चिकित्सक के नहीं रहने से लोगों को इलाज कराने में परेशानी हो रही है. उक्त केंद्र एएनएम के भरोसे चल रहा है. चिकित्सक के अभाव में लाखों रुपये की लागत से बने उप स्वास्थ्य केंद्र बेकार पड़ा है.
लोगों की जिंदगी झोलाछाप डॉक्टर के भरोसे है. केंद्र में सर्दी, खांसी जैसी मामूली बीमारी का भी इलाज नहीं हो पाता है. आये दिन थाना क्षेत्र में भूमि विवाद व अन्य मामले को लेकर मारपीट होते रहती है. थाना पहुंचे घायलों को इंज्यूरी रिपोर्ट के लिए प्रतापपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है.
स्वास्थ्य उपकेंद्रों में चिकित्सक के नहीं रहने से महिलाओं का प्रसव एएनएम द्वारा कराया जाता है. जिससे हमेशा खतरा बना रहता है. प्रसव के दौरान परेशानी होने पर प्रतापपुर रेफर कर दिया जाता है. जिससे गरीब तबके के लोगों को बाहर ले जाने में काफी परेशानी होती है. साथ ही आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.