नयी दिल्ली : नोएडा प्राधिकरण (Noida authority) ने 12,000 से अधिक दस साल पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों के पंजीकरण प्रमाणपत्र (RC) को रद्द कर दिया है. अधिकारियों ने कहा कि 12,200 वाहनों की आरसी की वैधता अब समाप्त हो चुकी है. जी न्यूज की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये सभी गाड़ियां दस साल पुरानी हो गयी थी और प्राधिकरण ने इनको सड़क पर नहीं चलने देने का फैसला किया है.
अधिकारियों ने कहा कि ऐसे वाहनों के मालिकों को लगातार नोटिस भेजे गये थे लेकिन उन्होंने ‘अनापत्ति प्रमाणपत्र’ (एनओसी) के लिए आवेदन नहीं किया. ये वाहन अब रडार पर हैं और सड़क पर देखे जाने पर दंडित किये जायेंगे. इससे पहले 18 जून को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पीयूसी (प्रदूषण नियंत्रण में) प्रमाणपत्र के एक सामान्य प्रारूप के लिए अधिसूचना जारी की थी.
केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के तहत पूरे देश में एक समान पीयूसी प्रमाणपत्र जारी किया जायेगा. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक 18 मार्च, 2021 को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक ‘स्वैच्छिक’ वाहन स्क्रैपिंग नीति की घोषणा की. इसका उद्देश्य वाहनों के प्रदूषण को कम करना है. साथ ही लोगों को पुराने गाड़ियों को स्क्रैप में देने के लिए प्रोत्साहित करना है.
सरकारी डेटा के मुताबिक वर्तमान में 51 लाख गाड़ियां 20 साल से पुराने हैं और इनके पास नवीनीकृत फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं हैं. इसी प्रकार 34 लाख ऐसे वाहन हैं तो 15 साल से अधिक और 20 साल से कम के हैं और 17 लाख गाड़ियां 15 साल से कम पुराने हैं. इनके पास भी नवीनीकृत फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं हैं.
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केंद्र सरकार की नयी नीति के अनुसार स्क्रैप के लिए जाने वाले गाड़ियों के मालिक को मुआवजे के रूप में नये वाहन की एक्स-शोरूम कीमत का 4-6 फीसदी मिलेगा. उन्हें नये वाहन की खरीद पर 5 की छूट मिलेगी. इसके साथ ही निजी वाहनों के लिए रोड टैक्स पर 25 फीसदी की छूट का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही इस नीति में स्क्रैप किये गये वाहन के लिए जारी किये गये ‘स्क्रैप सर्टिफिकेट’ के प्रस्तुतीकरण पर खरीदे गये नये वाहन के लिए पंजीकरण शुल्क में छूट पर विचार किया जा रहा है.
सभी निजी वाहनों को सड़कों पर चलने के लिए 20 वर्षों के बाद अनिवार्य स्वचालित फिटनेस परीक्षण से गुजरना होता है. वाणिज्यिक वाहनों के लिए यह सीमा 15 वर्ष है. यदि वे पास नहीं करते हैं, तो उन वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया जाता है और परिवहन अधिकारियों द्वारा इन्हें ‘इंड ऑफ द लाइफ व्हीकल’ घोषित कर दिया जाता है. ऐसे गाड़ियों को तुरंत स्क्रैप कराना होता है और इनको सड़क पर चलाने की अनुमति नहीं होती है.
Posted By: Amlesh Nandan.
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