Vaccination Statistics In Jharkhand रांची : कोरोना से लड़ाई में सबसे अहम वैक्सीनेशन प्रोग्राम में पूर्वी सिंहभूम राज्य में सबसे आगे है. राज्य के 2,41,21,320 लोगों को वैक्सीन देने का लक्ष्य तय किया गया है, लेकिन अब तक सिर्फ 52,88,280 लोगों को पहली डोज, जबकि 9,80,934 लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के अनुसार 25 जून तक पूर्वी सिंहभूम के कुल 5,20,756 लोगों को पहली डोज, जो तय लक्ष्य की 31 प्रतिशत है. वहीं, 1,14,975 लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है.
जो दूसरी डोज के लिए योग्य आबादी की 82 प्रतिशत है. वहीं, फर्स्ट डोज लेने के मामले में दूसरे स्थान पर कोडरमा है. यहां फर्स्ट डोज के लिए तय लक्ष्य के 30 प्रतिशत लोगों ने टीका ले लिया है, यहां 158639 लोगों ने कोरोना का पहला टीका ले लिया है. वहीं, फर्स्ट डोज लेने के मामले में तीसरे स्थान पर लोहरदगा है, यहां 96091 लोगों ने टीका ले लिया है, जोकि तय लक्ष्य की 28 प्रतिशत है. वहीं, सेकेंड डोज के मामले में पूर्वी सिंहभूम के बाद दूसरे स्थान पर धनबाद है.
धनबाद में सेकेंड डोज के लिए योग्य 1,01,189 लोग हैं, जिसमें से 80,450 लोगों को टीका दिया जा चुका है. वहीं, सेकेंड डोज के मामले में तीसरे स्थान पर देवघर है, यहां 41551 लोग सेकेंड डोज के लिए एलिजिबल थे, जिसमें से 79 प्रतिशत को टीका दिया जा चुका है. वहीं, पहली डोज के वैक्सीन के मामले में साहेबगंज सबसे फिसड्डी, तो दूसरी डोज के मामले में लोहरदगा व दुमका की स्थिति संतोषजनक नहीं है. राज्य में महिलाअों की तुलना में ज्यादा पुरुषों ने वैक्सीन लिया है.
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2,41,21,320 राज्य के कुल लोगों कोलगाया जाना है टीका
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1,06,04,760 लोग वैक्सीनेशन करवाने योग्य शहरी क्षेत्र में रहते हैं
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1,35,16,560 लोग वैक्सीनेशन करवाने योग्य ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं
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पहली डोज के मामले में साहेबगंज फिसड्डी, सिर्फ 16 प्रतिशत लोगों ने ही ली है फर्स्ट डोज
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दूसरी डोज के मामले में लोहरदगा व दुमका की रिपोर्ट कार्ड सबसे खराब
राज्य के सभी सदर अस्पताल में पीडियाट्रीक आइसीयू स्थापित करने की तैयारी की जा रही है.
जिले स्तर पर न्यू बॉर्न बेबी केयर वार्ड बनाया जा रहा है, जिसमें जन्म से लेकर एक माह तक के बच्चों का इलाज किया जायेगा.
रिम्स के मल्टी स्टोरेज पार्किंग भवन में 327 बेड का चाइल्ड आइसीयू वार्ड प्रक्रियाधीन है.
वार्ड में लिक्विड ऑक्सीजन टैंक स्थापित किया जा रहा है, जिससे निर्बाद्ध रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जायेगी.
राज्य के सभी जिलों और प्रखंड स्तर के अस्पतालों में दो से लेकर 16 वर्ष के बच्चों के लिए चाइल्ड वार्ड बनाने की योजना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर की जा रही है.
संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए आवश्यक चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ की कमी न हो, इसकी समीक्षा के साथ-साथ इसके लिए स्पेशल प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है.
आइसीयू मैनेजमेंट द्वारा आइसीयू प्रबंधन/वेंटिलेटर उपयोग, ऑक्सीजन थेरेपी के लिए चार जिलों (गुमला, लातेहार, लोहरदगा एवं खूंटी) में सात तकनीकी/विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी की टीम गठित कर प्रशिक्षण दिया गया है. अन्य बाकी जिलों में भी प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है.
राज्य में वैक्सीन लगाने की रफ्तार बेहतर है. लेकिन, इसमें अौर तेजी लाने की गुंजाइश है. इसके लिए लगातार केंद्र सरकार के साथ बात चल रही है, ताकि समय पर राज्य के लोगों को वैक्सीन दिया जा सके. सीमित संसाधन में बेहतर प्रबंधन के कारण राज्य में वैक्सीन वेस्टेज भी केंद्र के तुलना में काफी कम है. साझा प्रयास से हम कोरोना पर जीत हासिल कर लेंगे.
बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री, झारखंड सरकार
Posted By : Sameer Oraon