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शेयर बाजार में ज्यादा बढ़ रहा है निवेशकों का भरोसा, बिहार में बढ़ा 15 प्रतिशत कारोबार

कोरोना की वजह से बाजार में सभी स्तर पर आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती आ गयी है, परंतु शेयर बाजार में इसके विपरीत उछाल देखा गया. मार्च 2020 की तुलना में 2021 मार्च-अप्रैल में यह 25 हजार अंक से बढ़कर 53 हजार के करीब पहुंच गया है. इसमें करीब 110 फीसदी की बढ़ोतरी आयी है.

कौशिक रंजन, पटना. कोरोना की वजह से बाजार में सभी स्तर पर आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती आ गयी है, परंतु शेयर बाजार में इसके विपरीत उछाल देखा गया. मार्च 2020 की तुलना में 2021 मार्च-अप्रैल में यह 25 हजार अंक से बढ़कर 53 हजार के करीब पहुंच गया है. इसमें करीब 110 फीसदी की बढ़ोतरी आयी है.

बाजार में जैसे-जैसे आर्थिक मंदी का संकट गहरा रहा है, निवेशकों का भरोसा शेयर बाजार की तरफ ज्यादा बढ़ रहा है. बिहार में एक साल के दौरान शेयर बाजार के कारोबार में 15 फीसदी का इजाफा हुआ है. पहले यह करीब ढाई हजार करोड़ का था, जो इस एक साल में बढ़कर तीन हजार करोड़ से ज्यादा हो गया है.

विशेषज्ञों के अनुसार, शेयर या इक्विटी में निवेश करने वालों को करीब 58 प्रतिशत का रिटर्न मिला है. हालांकि, बिहार में अभी भी शेयर का कारोबार क्षमता के अनुसार काफी कम है. यहां के लोग निश्चित रिटर्न वाली योजनाओं में ही ज्यादा निवेश करना चाहते हैं. इस वजह से बिहार में सबसे ज्यादा निवेश शेयर बाजार से जुड़े एसआइपी (स्मॉल इंवेस्टमेंट प्लान) में होता है.

बिहार में शेयर बाजार में कुल निवेश का करीब 67 प्रतिशत एसआइपी या बांड के माध्यम से होता है. इस तरह का निवेश लंबे समय के लिए होता है और वह कुछ समय बाद पैसा देता, लेकिन इसमें निवेश ज्यादा सुरक्षित होता है, जबकि 33 प्रतिशत ही सीधे शेयर के तौर पर किया जाता है. यानी सिर्फ 33 फीसदी लोग ही सीधे शेयर बाजार में पैसा लगाकर रिस्क उठाते हुए निवेश करते हैं. इसका नफा या नुकसान तुरंत होता, लेकिन मुनाफा का प्रतिशत ज्यादा है.

बिहार में अब भी सीधे शेयर ट्रेडिंग का कारोबार कम है. यहां के बाजार में लिक्विडिटी कम होने की मुख्य वजहों में एक यह भी है. सूबे के लोगों के निवेश की प्रवृत्ति का अध्ययन करने पर यह बात भी सामने आयी है कि लोग सोना (गोल्ड) में निवेश करना ज्यादा पसंद करते हैं.

सोने के गहनों के अलावा बड़ी संख्या में लोग अब गोल्ड बांड या सोने के बिस्कुट, ब्रिक या ऐसे अन्य प्रारूपों में निवेश कर रहे हैं. बिहार में कुल निवेश का करीब 70 फीसदी निवेश सोना में ही होता है. इन दिनों गोल्ड बांड खरीदने का चलन भी बढ़ा है.

क्या कहना है विशेषज्ञ का

जाने-माने वित्तीय सलाहकार प्रशांत कुमार के अनुसार, कोरोना के दौरान आर्थिक गतिविधि कमजोर होने से निवेशकों का रुझान शेयर की तरफ तेजी से बढ़ा है. यह ट्रेंड बिहार में भी पहले की तुलना में बढ़ा है, परंतु अब भी यहां के लोग काफी सोच-समझ कर और सुरक्षित पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ही शेयर बाजार में निवेश करते हैं, ताकि उनका पैसा किसी हालत में डूबे नहीं. रोजाना ट्रेडिंग की अवधारणा अभी भी यहां कम है.

Posted by Ashish Jha

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