एक जुलाई से बैंकिंग सहित अन्य क्षेत्रों में बड़े बदलाव हो रहे हैं जिसका आम आदमी के जीवन पर असर पड़ेगा. इन बदलावों से उन लोगों के जीवन पर भी प्रभाव पड़ेगा जिन्होंने आयकर रिटर्न नहीं भरा है. इन बदलावों को रिजर्व बैंक ने अपनी अनुमति प्रदान कर दी है. एक जुलाई से होने वाले बदलाव इस प्रकार हैं-
एसबीआई ने एटीएम से कैश निकालने के नियम में संशोधन किया है जिसके अनुसार ग्राहकों के पास बैंक के एटीएम के साथ-साथ शाखाओं से भी चार मुफ्त नकद निकासी की इजाजत होगी इसके बाद की निकासी पर 15 रुपया और जीएसटी वसूल करेगा.
एसबीआई ग्राहक अब मनमाने ढंग से मुफ्त में चेकबुक का उपयोग नहीं कर पायेंगे. इसके लिए बैंक ने दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं. इ नियम के अनुसार एक खाताधारक एक वित्तीय वर्ष में केवल 10 चेक लीफ का उपयोग कर सकता है. अधिक उपयोग करने के लिए, बैंक ने ₹40 प्लस जीएसटी (बाद के 10 पत्तों के लिए) और ₹75 प्लस जीएसटी (25 पत्तों के लिए) की घोषणा की है. हालांकि, वरिष्ठ नागरिकों के लिए ऐसे किसी शुल्क की घोषणा नहीं की गई है.
हर बार की तरह इस बार भी महीने की पहली तारीख को एलपीजी सिलेंडर की कीमत तेल कंपनियां तय करेंगी. एलपीजी की कीमत पर आम लोगों की नजर टिकी होती है क्योंकि इसपर उनकी रसोई का बजट टिका होता है.
आयकर विभाग ने यह जानकारी दी है कि जिन लोगों ने पिछले दो साल से आयकर रिटर्न नहीं दाखिल किया है उनका सरकार ज्यादा रेट से ज्यादा टीडीएस काटेगी. यह नियम उन करदाताओं पर लागू होगा जिनका टीडीएस हर साल 50,000 रुपये से अधिक काटा जाता है. इसे वित्त अधिनियम, 2021 द्वारा आयकर नियमों में शामिल कर लिया गया है.
सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में विलय हो गया है जिसकी वजह से इसके ग्राहकों को नया IFSC कोड जारी किया जायेगा. यह नियम भी एक जुलाई से प्रभावी होगा.
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आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंका का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय कर दिया गया है इसलिए इन बैंकों के ग्राहकों को नया चेक बुक प्रदान किया जायेगा.
Posted By : Rajneesh Anand
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