नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दो दिन पहले यानी 24 जुलाई 2021 को जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ हुई सर्वदलीय बैठक के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान जहरीला बयान दिया है. उन्होंने एक साक्षात्कार के दौरान कहा है कि जब मैंने कार्यभार संभाला, तो नरेंद्र मोदी के सामने एक आम और सभ्य कारोबारी रिश्ता बनाने का प्रयास किया.
उन्होंने कहा कि हमने इसके लिए बहुत कोशिश की, लेकिन वह बात आगे नहीं बढ़ी. इसके बाद उन्होंने कहा कि अगर भारत में मोदी की जगह कोई दूसरा प्रधानमंत्री होता, तो हमारे रिश्ते अच्छे होते और बातचीत के जरिए आपसी मतभेदों को सुलझा लेते.
बता दें कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का यह बयान तब सामने आ रहा है, जब 24 जून 2021 की सर्वदलीय बैठक भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं को आमंत्रित किया था. प्रधानमंत्री मोदी की सर्वदलीय बैठक के बाद इसमें शामिल होने वाले जम्मू-कश्मीर के नेताओं ने ‘सब कुछ ठीक-ठाक’ होने की बात कही, लेकिन अब वे भारत के मीडिया में पाकिस्तान से वार्ता करने की बात कहने लगे हैं.
मीडिया में दिए साक्षात्कार में पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्र सरकार को विश्वास बहाल करना चाहिए और जम्मू-कश्मीर के पीड़ित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए पाकिस्तान से बातचीत करनी चाहिए. इस साक्षात्कार में उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर को खुला जेल बना दिया गया है. यहां पर लोगों को बोलने की आजादी तक छीन ली गई है.
इसके अलावा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी अपने बयान में कहा कि कश्मीर में अनुच्छेद-370 की बहाली की उम्मीद करना बेवकूफी है. उन्होंने कहा कि राज्य में अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग को छोड़ा नहीं है. लेकिन, उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा सरकार के रहते इस धारा को बहाल होना मुमकिन नहीं है.
जम्मू-कश्मीर के इन दोनों राजनीतिक दलों के नेताओं की ओर से इस प्रकार के बयान के आने के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने साक्षात्कार के दौरान भारत विरोधी बातें कही हैं. अपने बयान में उन्होंने कहा कि भारत की ओर से अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया. इसके बाद से ही दोनों देशों के आपसी रिश्ते और अधिक खराब हो गए.
Posted by : Vishwat Sen