jssc recruitment 2021 रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने पंचायत सचिव व निम्नवर्गीय लिपिक परीक्षा के मामले में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई शुरू की. अदालत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई के दौरान प्रार्थियों व झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) का पक्ष सुना. अदालत ने राज्य सरकार व जेएसएससी को शो कॉज नोटिस जारी करने का निर्देश दिया. अदालत ने पूछा कि क्यों नहीं अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाये.
प्रतिवादियों को शो कॉज का जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय प्रदान किया. मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर अधिवक्ता मनोज टंडन ने पक्ष रखते हुए बताया कि अदालत ने तीन दिसंबर 2020 को जेएसएससी को आठ सप्ताह के अंदर अंतिम मेधा सूची प्रशासन के मामले में रीजन आॅर्डर पारित करने का निर्देश दिया था.
आयोग ने 25 जनवरी 2021 को ही रीजन आॅर्डर पारित कर दिया है. इसके बावजूद आयोग द्वारा अंतिम मेधा सूची का प्रकाशन अब तक नहीं किया गया है, जबकि रीजन आॅर्डर में परीक्षाफल के गठन व प्रकाशन की बात कही गयी है. वहीं जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने अदालत को बताया कि हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में रीजन आर्डर पारित कर दिया गया. गैर अनुसूचित जिलों का परीक्षाफल प्रकाशित करने के लिए राज्य सरकार से परामर्श मांगा गया है, लेकिन अब तक परामर्श प्राप्त नहीं हुआ है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी ओम कपूर एवं अन्य की ओर से अवमानना याचिका दायर की गयी है. प्रार्थियों ने एकल पीठ के आदेश का अनुपालन कराने की मांग की है.
इंटरमीडिएट स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता (पंचायत सचिव व लिपिक) परीक्षा का विज्ञापन वर्ष 2017 में निकला था. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने वर्ष 2017 में पंचायत सचिव, निम्नवर्गीय लिपिक व आशुलिपिक के 3088 पदों पर नियमित व बैकलॉग बहाली की प्रक्रिया शुरू की. आवेदन के बाद लिखित परीक्षा 21 जनवरी, 28 जनवरी व चार फरवरी 2018 को हुई थी. लिखित परीक्षा का परिणाम 23 फरवरी 2019 को जारी किया गया था. एक जुलाई से आठ जुलाई 2019 तक लगभग 7457 अभ्यर्थियों की कौशल जांच की गयी.
कौशल जांच के बाद शॉर्टलिस्टेड लगभग 4948 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन 27 से 31 अगस्त तक तथा तीन सितंबर से सात सितंबर 2019 तक किया गया. इसके बाद आयोग द्वारा अंतिम मेधा सूची तैयार करने का काम शुरू हुआ, लेकिन किन्हीं कारणों से अंतिम मेधा सूची का प्रकाशन नहीं हो पाया. 21 सितंबर 2020 को झारखंड हाइकोर्ट की लार्जर बेंच ने हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति को लेकर सोनी कुमारी के केस में फैसला सुनाया.
फैसले के अनुसार अनुसूचित जिलों में नियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति को हाइकोर्ट ने रद्द कर दिया. नये सिरे से नियुक्ति का आदेश दिया तथा गैर अनुसूचित जिलों की नियुक्तियों में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को आगे बढ़ने का आदेश दिया. इसके बाद आयोग ने गैर अनुसूचित जिलों का रिजल्ट निकालने के लिए कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग को पत्र लिखकर परामर्श मांगा, लेकिन परामर्श नहीं मिला. इसके बाद आयोग ने अलग-अलग समय में विभाग को पत्र लेकर परामर्श देने का आग्रह किया गया. वह परामर्श आयोग को अब तक प्राप्त नहीं हुआ है. प्रमाण पत्रों के सत्यापन के बाद सितंबर 2019 से अभ्यर्थी अंतिम मेधा सूची के प्रकाशन का इंतजार कर रहे हैं.