देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 48 मामले आज तक में देश में पाये गये हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में हैं. राज्यवार आंकड़ों पर गौर करें तो महाराष्ट्र में 20, तमिलनाडु में नौ, मध्यप्रदेश में सात, केरल में तीन, पंजाब में दो, गुजरात में दो एवं आंध्रप्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, जम्मू और कर्नाटक में एक-एक मामले सामने आये हैं. यह जानकारी नेशनल सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल (NCDC) के डायरेक्टर डॉ एसके सिंह स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी.
As of today, there are 48 cases of Delta Plus across the country: Dr SK Singh, National Centre for Disease Control (NCDC) Director #COVID19 pic.twitter.com/2DKkvqJjQE
— ANI (@ANI) June 25, 2021
डॉ एसके सिंह ने कहा कि 8 राज्य महत्वपूर्ण हैं जहां हमें डेल्टा वैरिएंट के 50% से अधिक मामले मिले हैं. इनमें शामिल हैं आंध्र प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल.
कोरोना वायरस के नये वैरिएंट डेल्टा की पहचान यूके में की गयी थी, डेल्टा वैरिएंट सबसे पहले भारत में पाया गया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के चार वैरिएंट अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा को चिंता की वजह बताया है. बायोटेक्नोलॉजी विभाग की सचिव रेणु स्वरूप ने उक्त बातें स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रेस कॉंन्फ्रेंस में कही.
ICMR के डायरेक्टर बलराम भार्गव ने कहा कि डेल्टा प्लस वैरिएंट की जांच भी उसी तरह हो रही है जैसे हमने अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा का हुआ. इस वैरिएंट पर टीके के प्रभाव की जांच के लिए परीक्षण जारी है जिनकी जानकारी हमें लगभग 7 से 10 दिनों के अंदर मिल जानी चाहिए. कोरोना वायरस का टीका Covidshield और Covaxin अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ काम करते हैं. डेल्टा प्लस 12 देशों में मौजूद है. भारत में अबतक 48 मामलों की पहचान की गई है.
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बच्चों और गर्भवती स्त्रियों पर वैक्सीन के प्रभाव को लेकर डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन दी जा सकती है. टीकाकरण गर्भवती महिलाओं में उपयोगी है और इसे दिया जाना चाहिए. जहां तक बच्चों का सवाल है हमने 2-18 वर्ष की आयु के बच्चों पर एक छोटा अध्ययन शुरू किया है और हमारे पास सितंबर तक उसकी जानकारी आ जायेगी. बच्चों को टीके की जरूरत है या नहीं इसपर अभी बहस जारी है.
बच्चों का टीकाकरण अभी सिर्फ एक ही देश में हो रहा है. छोटे बच्चों को टीका दिया जाये या नहीं इसपर अध्ययन जारी है और यह एक बड़ा सवाल है. तक हमारे पास बच्चों के टीकाकरण पर अधिक डेटा नहीं होगा, हम बड़े पैमाने पर बच्चों का टीकाकरण करने की स्थिति में नहीं होंगे.
Posted By : Rajneesh Anand