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कोरोना ने बदला लोहरदगा जिले के लोगों का जीने का अंदाज, अब स्वास्थ्य पर है ज्यादा ध्यान

कोरोना काल में लोग संयमित रहने और अपनी दिनचर्या बदल कर रहने को विवश हो गये. सुबह देर तक सोने के बजाय लोग सुबह जल्दी उठकर योग व्यायाम करना सीख गये. भीड़-भाड़ से दूर बेवजह बाजार एवं शहरों में घूमने रेस्तरां और होटल मैं खाना खाने का शौक भी करोना ने बदल दिया. लोग महंगे होटलों में सपरिवार खाना खाने जाने के बजाये अपने घरों में ही स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर खाना सीख चुके हैं. पार्टी मनाना हो या सामूहिक खुशियां लोग भूल से गये हैं, लोगों से दूरी बनाकर रहना सीमित लोगों से उठना बैठना लोगों की दिनचर्या बन गयी.

लोहरदगा : वैश्विक महामारी ने लोगों को जीने का अंदाज बदल दिया है. लोग अपने लोगों से ही दूरी बनाकर रहने को विवश हैं. पहले जिसे स्वास्थ्य कर्मी ऑपरेशन एवं विशेष कार्य के समय लगाते थे. वहीं मास्क अब लोगों का जीवन रक्षक बन गया है. उसी मास्क को अनिवार्य कर दिया गया है. लोग बगैर मास्क के अपने घरों से भी नहीं निकल रहे हैं. जिस घर में क्रोरोना संक्रमण बढ़ा, उस घर का हर व्यक्ति अपने घरों में भी मास्क पहनकर एवं सामाजिक दूरी का पालन कर अपने घरों में दुबकने को विवश रहा.

कोरोना काल में लोग संयमित रहने और अपनी दिनचर्या बदल कर रहने को विवश हो गये. सुबह देर तक सोने के बजाय लोग सुबह जल्दी उठकर योग व्यायाम करना सीख गये. भीड़-भाड़ से दूर बेवजह बाजार एवं शहरों में घूमने रेस्तरां और होटल मैं खाना खाने का शौक भी करोना ने बदल दिया. लोग महंगे होटलों में सपरिवार खाना खाने जाने के बजाये अपने घरों में ही स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर खाना सीख चुके हैं. पार्टी मनाना हो या सामूहिक खुशियां लोग भूल से गये हैं, लोगों से दूरी बनाकर रहना सीमित लोगों से उठना बैठना लोगों की दिनचर्या बन गयी.

कोरोना ने जीना सिखा दिया इस संबंध में लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. व्यवसायी विजय जायसवाल का कहना है कि वैश्विक महामारी ने लोगों के जीने का अंदाज बदल दिया है. लोग मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने का प्रयास कर रहे हैं. स्वस्थ रहने के लिए दैनिक जीवन दिनचर्या में भी बदलाव लाये हैं. बैडमिंटन खिलाडी नीरज खत्री का कहना है कि वैश्विक महामारी के बाद लोगों के रहन सहन में बदलाव आया है.

जो लोग सुबह देर तक सोने के आदि थे वे भी कोरोना काल में सुबह उठकर शारीरिक व्यायाम करने लगे हैं. लोग सुबह उठकर मॉनिंग वाक, योग कर किसी तरह स्वस्थ रहने की चेष्टा में लगे हुए हैं. युवा व्यवसायी पंकज जायसवाल का कहना है कि कोरोना काल ने लोगों के जीवन स्तर में बदलाव लाया है. महंगे होटलो में पहुंच कर परिवार सहित खाना खाने की चाह रखने वाले परिवार भी कोरोना काल में अपने घरो में स्वादिष्ट भोजन बनाकर खाने लगे है.

ट्रक ऑनर सुनील भगत का कहना है कि कोरोना काल को लेकर सरकार द्वारा लगाये गये स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह से हर तबके के लोगों को अपने अपने स्तर पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. समाजिक कार्यकर्ता अरविंद जायसवाल का कहना है कि कोरोना काल में हर तबके के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शादी विवाह हो या कोई सामाजिक कार्यक्रम लोगों के निर्धारित संख्या के कारण लोगो को परेशानी हो रही है. सामाजिक कार्यकर्ता सुनील राम का कहना है कि कोरोना महामरी ने लोगों के जीवन स्तर को बदल कर रख दिया है.

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