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Coronavirus Vaccine : क्या कोरोना वैक्सीन लेना ही होगा ? क्या कहता है कानून

court on corona vacine covid vaccine is covidvaccine necessary कोरोना वैक्सीन के लिए सरकार जागरुकता अभियान चला रही है, वैक्सीन लेना सभी के लिए जरूरी है. कोर्ट ने कहा है कि वैक्सीन लेने के लिए लोगों को राजी करें उसके बाद वैक्सीन दें. किसी को भी जबरन वैक्सीन देना उसके मूलभूत अधिकारों का हनन है.

क्या कोरोना वैक्सीन सभी को लेना मजबूरी है? अगर कोरोना वैक्सीन नहीं ली, तो कानूनी रूप से कार्रवाई हो सकती है ? कई लोगों के मन में यह सवाल है, ऐसे में इन सवालों का जवाब दिया है मेघालय हाईकोर्ट ने. एक जनहित याचिका में कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इन सवालों का जवाब दिया है.

कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि कोरोना वैक्सीन किसी को भी जबरन नहीं दिया जा सकता है. कोरोना वैक्सीन के लिए जागरुकता होनी चाहिए, लोग अपनी मर्जी से वैक्सीन ले सकते हैं. वैक्सीन लेने के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जा सकता.

कोरोना वैक्सीन के लिए सरकार जागरुकता अभियान चला रही है, वैक्सीन लेना सभी के लिए जरूरी है. कोर्ट ने कहा है कि वैक्सीन लेने के लिए लोगों को राजी करें उसके बाद वैक्सीन दें. किसी को भी जबरन वैक्सीन देना उसके मूलभूत अधिकारों का हनन है.

हाईकोर्ट ने आदेश में ये भी कहा कि अगर कर्मचारियों ने वैक्सीन लगवा ली हैं तो दुकानें और सभी व्यापारिक संस्थान ‘वैक्सीनेटेड’ का बोर्ड लगवाएं या लिखवाएं.कोर्ट ने सभी लोकल टैक्सी, ऑटो रिक्शा और बस सेवा के मालिक ड्राइवर, कंडक्टर और हेल्पर के वैक्सीनेशन की जानकारी सार्वजनिक प्रदर्शित करने को आदेश दिया है.

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अगर कोई संस्था, संगठन किसी को जबरन वैक्सीन लेने के लिए दबाव बनाती है तो भारतीय संविधान के आर्टिकल 19(1)(g) के मुताबिक मूलाधिकारों का हनन माना जायेगा. ऐसा करने वालों के खिलाफ अधिकार हनन का मामला बनता है. पीठ ने कहा कि टीकाकरण संबंधी साइनबोर्ड के आकार और उसके स्थान के बारे में संबंधित अधिकारी फैसला करेंगे.

कोर्ट ने वैक्सीन को लेकर अफवाह फैलाने वाले, गलत सूचना देने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई के संकेत दिये हैं. मुख्य न्यायाधीश विश्वनाथ सोमद्दर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बुधवार को एक आदेश में कहा था, “शुरुआत में, यह स्पष्ट तौर पर कहा जाना चाहिए कि टीकाकरण समय की मांग है. वैक्सीन गंभीर संक्रमण के खतरे को कम करता है इसलिए जरूरी है कि सभी वैक्सीन लें.

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देश के कई राज्यों से खबर आ रही थी कि वैक्सीन के लिए लोगों पर दबाव बनाया जा रहा है. अगर लोग दबाव में आकर वैक्सीन लेते हैं तो यह अधिकार का हनन है. वैक्सीन लेने के लिए व्यक्ति की मरजी जरूरी है.

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