Elephant In Jharkhand, रांची न्यूज (आनंद राम महतो) : झारखंड के रांची और खूंटी जिले में जंगली हाथियों के उत्पात से पंचपरगना सहित कई प्रखंडों के लोग भयभीत हैं. खूंटी जिले के अड़की, सरायकेला खरसावां जिले के इचागढ़, कुकड़ू एवं रांची जिले के बुंडू ,तमाड़, सोनाहातु, राहे, सिल्ली, अनगड़ा प्रखंड के दर्जनों गांव प्रभावित हैं. हाथियों ने घर में तोड़फोड़ की एवं खेत में लगी फसलों को नुकसान पहुंचाया.
पिछले कई सप्ताह से 21 जंगली हाथियों का झुंड तमाड़ के कुरचूड़ीह, वीरडीह, हाडामलोहार, रगड़ाबड़ाग, सोनाहातू प्रखंड के चौकाहातु, तेतला पंचायत, बुंडू के सुमानडीह, रेलाडीह, हुमटा, राहे प्रखंड के अंबा झरिया, जिनतु, सोसो, लादुप, बेला, सारूघड़ी, सिल्ली प्रखंड के धनबसर, खेरगाड़ा, खेरवाड़ा, सहित दर्जनों गांव में विचरण कर रहा था. इससे लोग भयभीत हैं.
इधर एक सप्ताह से जंगली हाथियों के झुंड ने जहां-तहां कई गांव के घरों में घुसकर तोड़फोड़ की और चावल-आटा एवं बर्तन को नुकसान पहुंचाया. हरी सब्जियों को भी क्षति पहुंचा रहे हैं. तमाड़ के सारजमडीह गांव में जंगली हाथियों का दल रात को पहुंचा और नुकसान पहुंचाया. वृंदावन मुंडा, मेघनाथ मुंडा, खेतू अहीर के घर का दरवाजा तोड़ देने से हजारों रुपए की क्षति हुई. घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग के अधिकारी पहुंचे, लेकिन जंगली हाथियों को भगाने के दिशा में सरकार और वन विभाग की उदासीनता से लाखों का नुकसान हो रहा है. जंगली हाथियों के हमले से अब तक 2 साल में एक दर्जन से अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं. प्रतिवर्ष जेठ एवं आषाढ़ महीने में जंगली हाथियों का दल आना-जाना शुरू हो जाता है. यह सिलसिला अगहन माह तक चलता रहता है.
प्रभावित गांव के लोग बताते हैं कि ईचागढ़ प्रखंड के पीलीद, कुकडू, बुंडू के जाडेया, सुमनडीह, तमाड़ के बरलांगा जंगल सोनाहातू की तेताला, नरसिंह लोवाडीह जंगल में हाथी छिपे रहते हैं. शाम 7:00 बजे हाथियों का दल एक दूसरे रूट में चलने की तैयारी करते हैं. रास्ते में जाने के क्रम में अचानक किसी के घर पर हमला कर घर के रखे धान चावल, हरी सब्जी को नुकसान पहुंचाते हैं. इन जंगली हाथियों का पसंदीदा भोजन कटहल और केला है. स्थानीय लोग यह भी कहते हैं पिछले एक दशक से इन क्षेत्रों में जंगली हाथियों का आगमन हुआ है. तब से जंगली हाथियों के डर से लोगों ने रात को आना जाना बंद कर दिया. खेत खलियान में भी पहले लोग सोते थे लेकिन अब अचानक रात को हाथियों के झुंड आने के डर से कोई घर से बाहर नहीं सोता है.
वन विभाग ने जंगली हाथियों को भगाने के लिए गांव-गांव में वन समिति बनाकर टॉर्च, पटाखे एवं अन्य सामग्री का वितरण किया है, लेकिन सामग्री वितरण में भी स्थानीय कमेटी की मनमानी के कारण गड़बड़ी हुई है, जो लोग असली में जंगली हाथी को भगाने में कारगर हो सकते हैं वैसे लोगों को न देकर कहीं-कहीं ग्राम कमेटी ने मनमानी की है. प्रतिवर्ष जंगली हाथियों का उत्पात बढ़ने से भयभीत ग्रामीणों ने सरकार से हाथियों के लिए कोरिडोर बनाकर एक स्थान पर रखकर उनके पर्याप्त भोजन की व्यवस्था कराने की मांग की है.
Posted By : Guru Swarup Mishra