Indian Railways News, धनबाद न्यूज (बेंकटेश शर्मा) : यात्रीगण कृपया ध्यान दें! आप ट्रेन से सफर कर रहे हैं, तो शौच क्रिया से निवृत्त होकर ही गोमो स्टेशन पहुंचें क्योंकि स्टेशन परिसर में शौचालय की व्यवस्था पिछले कई माह से पूरी तरह से ध्वस्त है. वहीं खुले में शौच जाने पर जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. इस बीच यात्री खुले में शौच करने पर मजबूर हैं. जीआरपी दोपहर तीन बजे के बाद किसी यात्री की मौत होने पर शव को महिला स्नानघर में रखकर ताला जड़ देती है.
जानकारी के अनुसार गोमो स्टेशन पर प्रथम श्रेणी प्रतीक्षालय को छोड़कर महिला तथा पुरुष के लिए तीन-तीन शौचालय, एक-एक मूत्रालय तथा एक स्नानघर है. शौचालय, मूत्रालय तथा स्नानघर में पिछले कई माह से जलापूर्ति बाधित है. जिससे शौचालय बहुत गंदा है. इस कारण यात्रियों ने मजबूरी में स्नानघर और यूरिनल को शौचालय में तब्दील कर दिया है. प्लेटफॉर्म संख्या तीन-चार के शौचालय को कई वर्षों पहले टाइल्स लगाकर आधुनिक शौचालय बनाया गया. उक्त शौचालय के दरवाजा को जंजीर से बांधकर ताला लगा दिया गया है.
Also Read: Jharkhand Weather Forecast : झारखंड में कमजोर पड़ते Monsoon के बीच अगले पांच दिनों तक कैसा रहेगा मौसम का मिजाज, ये है पूर्वानुमानप्लेटफार्म संख्या एक-दो पर दिव्यांगों का शौचालय भी बद से बदतर है. स्टेशन के दक्षिण पल्ली सर्कुलेटिंग एरिया को विकसित करने के नाम पर बेहतर ढंग के शौचालय को तोड़कर काफी पीछे नया शौचालय का निर्माण कराया गया है जो अभी तक चालू नहीं हुआ है. स्टेशन के उत्तर पल्ली स्थित शौचालय का जलापूर्ति पिछले कई माह से बाधित है. जिसकी देखरेख एक मूक-बधिर कर रहा है. वह मूक-बधिर शौच जाने के इच्छुक यात्रियों को पानी लाने के लिए खाली बोतल थमा देता है. जब उससे शौच के लिए इशारे में शुल्क के बारे में पूछा गया तो उसने दोनों हाथों के पंजों को दिखा दिया. जिससे पता चलता है कि यात्रियों से शौच के नाम पर दस रूपये वसूली होती है.
प्लेटफार्म संख्या एक-दो के प्रथम श्रेणी प्रतीक्षालय में द्वितीय श्रेणी के टिकटधारी शौच के लिए डर से प्रवेश नहीं करते हैं क्योंकि द्वितीय श्रेणी का टिकट लेकर प्रथम श्रेणी के प्रतीक्षालय में घूसने पर जुर्माना भरने का भय बना रहता है. रेलवे के खाता में गोमो भले ही ए ग्रेड का स्टेशन है, लेकिन सुविधा थर्ड ग्रेड से बदतर होने से इनकार नहीं किया जा सकता है.
Also Read: Jharkhand Crime News : झारखंड में चौकीदार की हत्या, जांच में जुटी दुमका पुलिस, ग्रामीणों की उच्चस्तरीय जांच की मांगगोमो में झारखंड सरकार का कोई सार्वजनिक शौचालय नहीं है. ग्रामीण क्षेत्रों की जनता सामानों की खरीदारी करने के लिए गोमो आते हैं. ग्रामीण शौच महसूस होने पर दक्षिण पल्ली के शौचालय में जाते थे. जिसे तोड़ दिया गया है. नया शौचालय अभी चालू नहीं हुआ है. ऐसी स्थिति में ग्रामीण पुरुष शौच के लिए रेल पटरी के किनारे झाड़ियों या पप्पू तलाब का सहारा लेते हैं. वहीं महिलाएं अपने किसी परिचित के रेल आवास या गोमो से बाहर खेतों में शौच जाने को विवश हैं.
प्लेटफार्म संख्या एक-दो के पूर्वी छोर पर महिलाओं तथा पुरुषों के लिए अलग-अलग स्नानघर है. महिला स्नानघर के दक्षिण दरवाजा को बंद कर केवल उत्तर दिशा के दरवाजा को रखा गया है. जिसे गोमो रेल पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर शव गृह में तब्दील कर दिया है. जीआरपी दोपहर तीन बजे के बाद किसी यात्री की मौत होने पर शव को महिला स्नानघर में रखकर ताला जड़ देती है.
गोमो स्टेशन की सफाई व्यवस्था ठेकेदारी में चकाचक थी. कोरोनाकाल के दौरान 22 नवम्बर 2020 से ठेकेदारी समाप्त कर दी गयी. रेल प्रशासन ने सफाई की जिम्मेवारी खुद अपने अधीन ले लिया. रेल प्रशासन स्टेशन परिसर की सफाई के लिए प्रतिदिन सात दिहाड़ी मजदूरों को रखा है. जब कुछ ट्रेनें चलती थी तो किसी तरह से स्टेशन का सफाई हो जाता था. यात्री ट्रेनों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रही है. जिससे स्टेशन परिसर तथा सर्कुलेटिंग एरिया में चारों तरफ गंदगी फैली रहती है.
Also Read: सीएम हेमंत को चौथी बार धमकी देने वाला व्यक्ति गिरफ्तार, लेकिन पुलिस ने बेल बांड पर छोड़ा, जानें क्या है इसकी बड़ी वजहधनबाद रेल मंडल के पीआरओ पीके मिश्र ने बताया कि वाशएबल एप्रन को तोड़कर रेल पटरी के नीचे ब्लास्ट बिछाने का काम चल रहा था. जिसके कारण पानी का कनेक्शन काट दिया गया था. पानी का कनेक्शन एक या दो दिनों में कर दिया जाएगा. स्टेशन के सभी शौचालय को समाप्त कर दिया गया है. स्टेशन में प्री फैब्रिकेटेड शौचालय जल्द लगाया जाएगा. जिसके लिए जगह चिन्हित हो चुका है.
जोनल रेलवे एडवाइजरी कमिटी के सदस्य पिंटू कुमार सिंह ने बताया कि स्टेशन परिसर में शौचालय की व्यवस्था को ध्वस्त कर प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को धक्का पहुंचाया जा रहा है उक्त मामले को जेड आर यू सी सी की बैठक में महाप्रबंधक के पास उठाएंगे.
Posted By : Guru Swarup Mishra