अनुज शर्मा, पटना. ऑनलाइन सब्जी मंगाने के लिए अब कैश का झंझट नहीं रहेगा. बेजफेड ने तरकारी मार्ट से सब्जी की खरीदारी करने के लिए ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा शुरू कर दी है. अब आॅर्डर देने वाले पर निर्भर है कि वह पेटीएम से पेमेंट करे या क्रेडिट कार्ड से. कोविड में संक्रमण का फैलाव रोकने और लोगों को अधिक -से- अधिक सुविधा देने के लिए यह नयी व्यवस्था की गयी है.
तरकारी मार्ट ने दो महीने से भी कम समय में 12 लाख का कारोबार किया है. पटना शहर में ही चार हजार से अधिक उपभोक्ता हैं. एक लाख अस्सी हजार के ब्यूअर फेसबुक, ट्विटर , इस्ट्रांग्राम आदि के जरिये जुड़े हुए हैं.
बीते मई माह में शुरू हुई इस सेवा को विस्तार देते हुए दरभंगा और मुजफ्फरपुर में तरकारी मार्ट की शुरुआत कर दी गयी है. साथ ही अमेजन-फ्लिपकार्ट के तर्ज पर भुगतान के लिए एप बनाया गया है. लोगों को भुगतान के नये विकल्प से डिलिवर करने वालों को भी राहत मिली है. एनडाइड मोबाइल वर्जन पर भी सब्जी के मूल्य के भुगतान के सभी विकल्प दिये हैं.
अब कोई भी उपभोक्ताwww.tarkaarimart. in पर जाकर आॅर्डर के साथ ही आॅनलाइन पेमेंट कर सकता है: उपभोक्ता वेबसाइट तरकारी मार्ट डॉट इन पर जाकर सब्जियों के आॅर्डर के साथ ही आॅनलाइन पेमेंट कर सकता है. नेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, डेविड कार्ड और यूपीआइ किसी से भी पेमेंट किया जा सकता है.
बेजफेड अपनी ब्रांडिंग को बेहतर बनाने के लिए अब सब्जी की पैकिंग पर ध्यान देने जा रहा है. अभी सब्जी की पैकिंग खुली होती है. दुकानदार जिस तरह पॉलीथिन में भरकर सब्जी देते हैं, वैसी ही तरकारी मार्ट की सब्जी घरों तक आती है. हालांकि, तरकारी मार्ट पॉलीथिन की जगह कपड़े के छोटे बैग का प्रयोग करता है, यह बैग कमजोर भी होते हैं.
बेजफेड के सीइओ सुभाष कुमार ने बताया कि आने वाले दिनों में सब्जी मल्टीनेशनल कंपनियों के उत्पाद की तरह नये कलेवर वाली पैकिंग में पहुंचेगी. इसकी तैयारी की जा चुका है. टेंडर की प्रक्रिया चल रही है.
बेजफेड के सीइओ सुभाष कुमार ने बताया कि सब्जी की गुणवत्ता यदि खराब हो तो उसे वापस कर दिया जाये. कुछ लोगों ने शिकायत की थी इस मामले में जांच करायी गयी, पता चला कि पानी लगे खेत की सब्जी पहुंचा दी गयी थी़
इस कारण देखने में सब्जी अच्छी थी, लेकिन अंदर से खराब थी़ किसानों को गुणवत्ता को लेकर चेतावनी दी गयी है. उपभोक्ताओं से भी अपील की गयी है कि वे सब्जी लेने के बाद पैकिंग में ही बंद न रखें.
Posted by Ashish Jha