नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की सर्वदलीय बैठक से पहले परिसीमन आयोग ने यहां के सभी 20 जिलाधिकारियों के साथ बैठक की है. इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) ने बुधवार को सभी जम्मू-कश्मीर जिलों के उपायुक्तों के साथ मौजूदा चुनावी क्षेत्रों के विवरण पर चर्चा करने के लिए एक वर्चुअल मीटिंग की है.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के सूत्रों ने कहा कि उप चुनाव आयुक्त चंद्र भूषण कुमार की उपायुक्तों के साथ बैठक मौजूदा चुनावी क्षेत्रों की सीमाओं, अन्य जिलों और तहसीलों के साथ निर्वाचन क्षेत्रों के चौराहों आदि पर चर्चा करने के लिए बुलायी गयी थी. चुनाव आयोग के एक अधिकारी श्री कुमार बैठक में परिसीमन आयोग के सचिवालय का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.
बैठक में बुधवार को उपायुक्तों से किसी ऐसे विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं की समस्याओं के बारे में पूछा गया, जहां कोई भौगोलिक निकटता नहीं है. यह भी पूछा गया कि क्या मतदाताओं को ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों में लंबी दूरी की यात्रा करनी पड़ती है. यह भी जानकारी ली गयी कि कोई ऐसा भी स्थान है जो ऐसे विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है, जो दूसरे जिले में हो.
उपायुक्तों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उपायुक्तों से उनके जिलों के निर्वाचन क्षेत्रों में आने वाली प्रशासनिक कठिनाइयों के बारे में भी पूछा गया. उपायुक्तों को कहा गया कि लोगों और प्रशासन को कठिनाई का सामना नहीं करना पड़े इसको सुनिश्चित किया जाना चाहिए. बैठक दो सत्रों में – सुबह 11 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक और दोपहर 1.30 से दोपहर 3 बजे तक हुई. पहला सत्र जम्मू, सांबा, राजौरी, पुंछ, कुपवाड़ा, बांदीपोरा, बारामूला, श्रीनगर, गांदरबल और बडगाम के डीसी के साथ था. दूसरे सत्र में किश्तवाड़, डोडा, रामबन, उधमपुर, रियासी, कठुआ, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग के डीसी शामिल हुए.
प्रधानमंत्री मोदी की आज होने वाली बैठक 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने और दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के बाद पहली बार हो रही है. केंद्र सरकार दोनों केंद्रशासित प्रदेशों में निर्वाचित प्रतिनिधियों की वापसी और बाद में विधानसभा चुनाव कराने को लेकर बात कर सकती है. हालांकि गुपकार संगठनों ने पहले की स्पष्ट कर दिया है कि वे आर्टिकल 370 पर कोई समझौता नहीं करेंगे.
आधिकारिक सूत्रों ने संकेत दिया है कि सरकार उन सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है जो जम्मू-कश्मीर की पार्टियां टेबल पर लायेंगी. लेकिन अभी के लिए यह परिसीमन की कवायद पूरी करने और जम्मू-कश्मीर में जल्द से जल्द चुनाव कराने पर केंद्रित होगा. बैठक में जम्मू-कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों सहित कई नेताओं को बुलाया गया है.